मां-बेटी जब शमशेर के घर पहुंचीं तो ओझा ने बीमारी ठीक करने के नाम पर सविता से 25 हजार रुपये लिए। उसके बाद सविता को शमशेर बुलाकर कमरे में ले गया। शमशेर के साथ ही उसका बेटा नन्हे अहमद भी मौजूद था। कमरे में बाप और बेटे ने सविता को पीटने के साथ ही पूरे शरीर को अगरबत्ती से जला दिया। सविता की चीख-पुकार पर जब उसकी मां कमरे में पहुंची तो बेटी बेहोशी की हालत में मिली।
सविता की हालत खराब होने के बाद शमशेर अपने बेटे नन्हे के साथ फरार हो गया। ग्रामीणों की मदद से राजपती देवी अपनी बेटी को लेकर थाने पहुंची। पुलिस कर्मियों ने तत्काल सविता को सीएचसी पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसका उपचार शुरू किया। पुलिस ने मां की तहरीर पर शमशेर और उसके पुत्र नन्हे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।