जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म हुआ कि पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे डॉ संदीप शुक्ला एसपी को अलविदा कहने जा रहे हैं। संदीप शुक्ला ने बेबाक अंदाज में कहा कि मैंने बहुत पहले ही समाजवादी संस्थापक एवं संरक्षक मुलायम सिंह यादव से आशीर्वाद लेकर पार्टी छोड़ने की इच्छा जता दी थी। उन्होंने ये भी बताया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह की मौजूदगी में वह आप में शामिल हो गए। अनुमान लगाया जा रहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में संदीप शुक्ल जिले की पांच सीटों में से किसी एक पर आप का चेहरा बन सकते हैं। अगर ऐसा हो गया तो एसपी-कांग्रेस के साथ बीजेपी को भी बड़ा नुकसान होना तय माना जा रहा है।
राजनीति में आने से पहले पीसीएस अफसर थे शुक्ला बता दें कि डॉ. संदीप शुक्ला ने पीसीएस अफसर के पद से इस्तीफा देकर 25 जुलाई, 2016 को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। शुक्ला जिले में सीडीपीओ और जिला कार्यक्रम अधिकारी भी रह चुके हैं। समाजवादी पार्टी ने उन्हें दर्जा प्राप्त मंत्री के रूप में निर्माण निगम का सलाहकार बनाया था। डॉ. शुक्ला की पत्नी डॉ. सुरभि शुक्ला को एसपी की कद्दावर नेताओं में गिना जाता है। वह भी दो बार दर्जा प्राप्त मंत्री रह चुकी हैं। अखिलेश सरकार में उन्हें आवास विकास परिषद का प्रभार दिया गया था।
सुरभि को शिवपाल यादव का माना जाता था करीबी डॉ सन्दीप शुक्ल की पत्नी सुरभि शुक्ला को शिवपाल खेमे का सशक्त नेता माना जाता था। 2017 के यूपी चुनाव में इनके टिकट को लेकर मुलायम परिवार में रार हुई थी। मुलायम यादव और शिवपाल यादव जहां इन्हें टिकट देने के पक्ष में थे और उन्हें लम्भुआ विधानसभा क्षेत्र से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन अखिलेश यादव ने इनका नाम लिस्ट से बाहर कर दिया था और उनकी जगह सन्तोष पांडेय को टिकट दिया था । इसके बाद नाराज पति-पत्नी की ओर से बयान भी आए थे ,लेकिन मुलायम सिंह यादव के हस्तक्षेप पर पति-पत्नी बैकफुट पर आ गए। अंत में मुलायम के कहने पर ही दोनों ने एसपी का दामन पकड़े रखा, लेकिन अब संदीप शुक्ला का कहना है कि अब पार्टी में उनकी उपेक्षा हो रही थी। अब उनसे किसी बात को लेकर राय मशविरा भी नहीं लिया जाता था।