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मृतकों के परिजनों को मुआवजा देकर एहसान नहीं करती सरकार, इन नियमों की वजह से देने पड़ते हैं 10 लाख रुपये

Dibrugarh Express: गुरुवार दोपहर में असम के डिब्रूगढ़ से चंडीगढ जा रही डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए।

नई दिल्लीJul 18, 2024 / 07:32 pm

Prashant Tiwari

गुरुवार दोपहर में असम के डिब्रूगढ़ से चंडीगढ जा रही डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 4 यात्रियों की मौत होने के साथ ही कई लोगों के घायल होने की जानकारी है। देश में एक महीने के भीतर ये दूसरा बड़ा रेल हादसा है। हादसे के बाद जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने और घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। वहीं, रेलवे ने भी अपनी तरफ से  मुआवजे का ऐलान किया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर कोई पैसेंजर रेल हादसे का शिकार होता है, तो वह इलाज और किसी की मृत्यु होने की स्थिति में कैसे मुआवजा के लिए आवेदन कर सकता है। अगर नहीं जानते तो कोई बात नहीं आज हम आपको बताएंगे कि आप कैसे रेलवे से इलाज और किसी अपने की मृत्यु होने पर 10 लाख तक मुआवजा पा सकते हैं। 
टिकट बुक करते समय जरुर ले ट्रैवल इंश्योरेंस

ट्रेन में यात्रा करने के दौरान ट्रैवल इंश्यारेंस कराना जरूरी होता है। ट्रेन में टिकट करने के दौरान भी आपने देखा होगा कि इंश्योरेंस का ऑप्शन आता है। बता दें कि टिकट करन के दौरान इंश्योरेंस वाले ऑप्शन पर क्लिक करना जरूरी होता है। वहीं किसी भी तरह की घटना होने पर आपको या परिजनों को इंश्योरेंस प्रोवाइडर की हेल्पलाइन पर संपर्क करना होगा। यहां पर आपको यात्रा की डिटेल, पॉलिसी नंबर और घटना से जुड़ी पूरी जानकारी देनी होती है। इसके बाद जब आप सरकार द्वारा दी जा रही मुआवजे की राशि के लिए क्लेम करेंगे। तब इंश्योरेंस प्रोवाइडर आपकी मदद करता है। बता दें कि अगर कोई घायल व्यक्ति रेल दुर्घटना के बाद अस्‍पताल में 30 दिन से ज्यादा भर्ती रहता है, तो उसका पूरा खर्च सरकार देती है। यह खर्च भर्ती होने के बाद 10 दिन का समय पूरे होने या फिर हॉस्पिटल से डिस्‍चार्ज होने के बाद दिया जाता है। 
मुआवजे में कितनी राशि मिलती है?

जानकारी के मुताबिक हादसे के दौरान चोट लगने पर रेलवे की तरफ से 2 लाख रुपए की मदद दी जाती है। वहीं हादसे में अगर कोई विकलांग होता है, उस व्‍यक्ति को 7.5 लाख तक की मदद मिलती दी जाती है। वहीं अगर कोई व्‍यक्ति दुर्घटना के वक्‍त पूरी तरह से विकलांग हो चुका है, तो उसे पूरे 10 लाख तक की मुआवजा राशि मिलती है। रेल यात्रा के दौरान दुर्घटना होने पर किसी यात्री की मौत होती है, उसे भी सरकार की ओर से 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है।
कैसे करें अप्लाई

बता दें कि मुआवजे के लिए अप्‍लाई करने के लिए आपको आईआरसीटीसी  की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा। यहां सबसे पहले ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्री की सभी डिटेल्स भरनी होती है। इस दौरान यात्रा के टिकट और डॉक्यूमेंट की भी जानकारी आपके पास होनी चाहिए। वहीं आपके द्वारा किए गए आवेदन के 15 दिन बाद रेलवे को इस पर जांच करनी होती है। जांच नहीं होने पर आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। सभी डाक्यूमेंट्स वेरिफाई होने के कुछ महीने के बाद मुआवजा की राशि खाते में भेज दी जाती है। 
कब नहीं मिलता मुआवजा 

जानकारी के मुताबिक अगर रेलवे स्‍टेशन पर किसी यात्री की करंट लगने से मौत होती है, उस स्थिति में उसे सहायता राशि नहीं दी जाती है। इसके लिए आप क्लेम भी नहीं कर सकते हैं। 
गोंडा रेल हादसे के बाद कई ट्रेन रद्द 

उत्तर प्रदेश के गोंडा में गुरुवार दोपहर को हुए रेल हादसे के बाद कई ट्रेन कैंसिल कर दी गई है। जबकि, कई ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित किए गए हैं। मौके पर राहत और बचाव का कार्य चल रहा है। यात्रियों के लिए स्पेशल रेक और बस की सुविधा मुहैया कराई गई है। यात्रियों को बस से पास के ही मनकापुर स्टेशन ले जाया जाएगा, जहां से उन्हें दूसरी ट्रेन में बैठाकर रवाना किया जाएगा। 
अब तक दो ट्रेन कैंसिल

रेल मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक दो ट्रेन कैंसिल की गई है और 11 ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया है। गोंडा स्टेशन गोरखपुर, बिहार, असम के लिए एक मुख्य मार्ग है। जहां से रोजाना सैकड़ों ट्रेनें गुजरती हैं। इस हादसे के बाद रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। जिस पर लोग कॉल कर अपने परिवारजनों का हाल-चाल और उनकी लोकेशन जान सकते हैं।  बता दें कि चंडीगढ़ से असम जा रही डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए। घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे के तमाम उच्च अधिकारी मौके पर पहुंच गए और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। 

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