हर इलाके में चुनाव प्रचार का रंग भी चढ़ा नजर आया। घाटी के इलाकों में प्रचार सामग्री गांव-गांव में नजर आई वहीं प्रत्याशियों की प्रचार सामग्री से सजे वाहन भी खूब दौड़ रहे हैं। लोग वोट मांगने आने वालों की बात न केवल सुन रहे हैं, बल्कि अपनी बात कह भी रहे हैं। घाटी के […]
हर इलाके में चुनाव प्रचार का रंग भी चढ़ा नजर आया। घाटी के इलाकों में प्रचार सामग्री गांव-गांव में नजर आई वहीं प्रत्याशियों की प्रचार सामग्री से सजे वाहन भी खूब दौड़ रहे हैं। लोग वोट मांगने आने वालों की बात न केवल सुन रहे हैं, बल्कि अपनी बात कह भी रहे हैं। घाटी के इलाके में जहां एनसी-कांग्रेस की प्रचार की दौड़ में पीडीपी से आगे दिखी। कांग्रेस और एनसी ने एक-दूसरे को अपनी प्रचार सामग्री में स्थान दिया है। दोनों का एक संयुक्त झंडा भी जगह-जगह टंगा नजर आया। वहीं भाजपा के प्रचार का रंग जम्मू रीजन की सीटों पर ज्यादा दिखाई दिया।
पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रवींद्र रैना के फोटो लगे बड़े-बड़े होर्डिंग सड़क किनारे लगे हुए हैं। इसमें अशांति और शांति काल के कश्मीर की झलक दिखाई गई है। कांग्रेस-एनसी गठबंधन की ओर से राहुल गांधी और फारुक अब्दुल्ला की दोरू में और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व फारुक अब्दुल्ला की अनंतनाग में गठबंधन के प्रत्याशियों के समर्थन में बड़ी चुनावी रैलियां हो चुकी है, वहीं भाजपा की ओर से गृहमंत्री अमित शाह जम्मू में पार्टी का संकल्प पत्र जारी करने के साथ ही बड़ी चुनावी रैली को संबोधित कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डोडा शहर के बीचो बीच स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम में 14 सिंतबर को बड़ी चुनावी रैली में चिनाब वैली की आठ सीटों के भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन की अपील करेंगे। इस रैली की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है।
भाषणों में तल्खी बढ़ी
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं प्रचार अभियान में दोनों तरफ के राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय नेताओं ही नहीं प्रत्याशियों तक के भाषणों में तल्खी बढ़ती जा रही है। भाजपा पूरे विपक्ष को राष्ट्रविरोधी बता रही है और कह रही है कि विपक्ष धारा 370 की बहाली चाहता है। कश्मी के फिर से आतंक की आग में झोंकेने की साजिश में जुटा है पूरा विपक्ष। वहीं कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और अन्य विपक्षी दल भाजपा पर कश्मीर में लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगा रहे हैं।
पीडीपी पर कांग्रेस और एनसी का आरोप है कि 2014 में 28 सीटें जीतने वाली पीडीपी अगर भाजपा की गोद मे बैठने की बजाय एनसी (15) और कांग्रेस (12) का समर्थन लेकर सरकार बना लेती तो 5 अगस्त 2019 से फैसले नहीं होते। फारुक अब्दुल्ला भाजपा पर देश में मुस्लिमों के खिलाफ सोची-सतझी साजिश के तहत नफरत फैलाने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं भाजपा एनसी और पीडीपी आतंकियों को शह देने और पाकिस्तान परस्त होने की तोहमत लगा रहे हैं।
मतदाता बोले
डोडा में रैली स्थल के पास प्रोविजन स्टोर मालिक खुर्शीद अहमद ने मतदाताओं में उत्साह का बड़ा कारण आतंकी वारदातों में कमी के साथ ही जमात-ए-इस्लामी और हुर्रियत जैसे अलगाववादी संगठनों की सोच में बदलाव को बताया। वे पीएम के डोडा आने से खुश नजर आए और बोले डोडा को बड़ी उम्मीदें हैं कि मोदी हमारे बारे में कुछ सोचेंगे। रैली स्थल पर एक सरकारी मुलाजिम ने अपना नाम तो नहीं बताया लेकिन कहा हर चुनाव की तरह इस बार मतदान से पहले धरपकड़ जैसा कुछ नहीं हुआ है, चुनाव आयोग ने भय मुक्त मतदान के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। सुरक्षा के इंतजाम भी बहुत तगड़े किए गए हैं।
भदरवाह के भल्ला गांव में पुलिस उप निरीक्षक पद से हाल ही सेवानिवृत्त राम प्रसाद बोले ड्यूटी के चलते में तो 41 साल में कभी ठीक से वोट ही नहीं दे पाया, इस बार मौका मिला है आराम से वोट देने का। माहौल के बारे में पूछा तो बोले इस बार आम जन ही नहीं हर राजनीतिक दल और उसका प्रत्याशी भी उत्साह से लबरेज है और सभी पूरा जोर लगा रहे हैं। सफलता किसको मिलती है यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा।