scriptजयपुर अग्निकांड के बाद खुली चिकित्सा इंतजामों की पोल, दावे बड़े-बड़े… लेकिन अस्पतालों में बर्न केस के इंतजाम तक नहीं | Jaipur Gas Tanker Blast, After the Jaipur fire incident, the reality of medical arrangements was exposed | Patrika News
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जयपुर अग्निकांड के बाद खुली चिकित्सा इंतजामों की पोल, दावे बड़े-बड़े… लेकिन अस्पतालों में बर्न केस के इंतजाम तक नहीं

Jaipur Gas Tanker Blast: अजमेर रोड पर शुक्रवार सुबह गैस टैंकर में रिसाव से हुए अग्निकांड के बाद राजधानी के चिकित्सा इंतजामों की पोल भी खुल गई।

जयपुरDec 22, 2024 / 08:30 am

Anil Prajapat

sms-hospital
जयपुर। अजमेर रोड पर शुक्रवार सुबह गैस टैंकर में रिसाव से हुए अग्निकांड के बाद राजधानी के चिकित्सा इंतजामों की पोल भी खुल गई। मेडिकल हब बनने का दावा कर रहे चारों दिशाओं में 40 किलोमीटर तक फैल चुके इस शहर में सवाई मानसिंह अस्पताल के अलावा दूसरे किसी भी अस्पताल में बर्न केस का इलाज करने के पर्याप्त इंतजाम ही नहीं थे।
हादसे के बाद सवाई मानसिंह अस्पताल में एक साथ इतने झुलसे लोग आए कि वहां के हालात खराब हो गए। कुछ मरीज अपने स्तर पर निजी अस्पतालों में पहुंचे। इनमें से एक को बमुश्किल भर्ती किया गया तो दूसरे को चक्कर लगाकर एसएमएस ही आना पड़ा। हादसे के बाद लगे जाम के कारण कुछ झुलसे लोगों को एसएमएस तक पहुंचने में दो घंटे तक लग गए।
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिस) बनाने का दावा किया जा रहा है। लेकिन 1200 बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल में एक भी बर्न केस को शिफ्ट नहीं किया जा सका। यही हाल कांवटिया, बनीपार्क, गणगौरी अस्पताल का है।
hospital in jaipur
बता दें कि हादसे में अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से एक झुलसे हुए व्यक्ति को जयपुरिया अस्पताल ले जाया गया था। 27 मरीजों का अब भी एसएमएस में ही इलाज चल रहा है। प्रदेश में प्लास्टिक सर्जन की संया भी बेहद कम है। सरकारी ही नहीं निजी अस्पतालों में बर्न यूनिट भी बमुश्किल ही मिलती है।
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वीआइपी मूवमेंट से हो रही परेशानी

शाहपुरा निवासी झुलसे अशोक पारीक के परिजन ने बताया कि अस्पताल में वीआइपी मूवमेंट के कारण भारी परेशानी हो रही है। ऐसे में संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है। उनका कहना है कि लोगों और वीआइपी को अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों के कमरों तक ही सीमित रहना चाहिए।
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इसलिए जयपुर के अस्पतालों में नहीं हो पाता इलाज

सवाई मानसिंह अस्पताल आए घायलों के लिए ही नहीं बल्कि उनके परिजन के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। सुपर स्पेशिलिटी के डॉक्टरों की कमी के कारण अधिक अस्पतालों में उनका इलाज नहीं हो पाता। प्लास्टिक सर्जरी के चिकित्सकों की भी कमी है। एसएमएस के अलावा अन्य अस्पतालों में इसकी सुविधाएं नहीं होने का यह बड़ा कारण है।
-डॉ.दीपक माहेश्वरी, प्राचार्य एवं नियंत्रक, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज

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