मौत को काफी करीब से देखा
शर्मा ने बताया कि मौत को उन्होंने काफी करीब से देखा है, एक मिनट भी गाड़ी में रुक जाता तो वह गाड़ी में जिंदा जल जाता। मौत उनके पीछे डेढ किमी तक भागती नजर आई। घटना के बाद जैसे ही आग की लपटें उनकी और आती दिखी तो वे डेढ से दो किमी तक दूर भाग छूटे, जिसके बाद भी आग की लपटों ने उनके हाथ, पैर, मुंह, कान व आंख समेत कई अंगों को जला दिया। टैंकर व कार के बीच में मात्र एक ही कार थी
घटना के बार में प्रकाश शर्मा ने बताया कि वे अजमेर रोड स्थित महिन्द्रा सेज में एक निजी कंपनी में कार्य करते है, सुबह पांच बजे दो अन्य साथी कार्मिकों के साथ ड्यूटी से ऑफ होने के बाद कार से घर के लिए रवाना हुए थे, जिस एलपीजी टैंकर में ब्लास्ट हुआ है, उस टैंकर व उनकी कार के बीच में मात्र एक ही कार मौजूद थी।
कार का गेट खोलकर उतरने लगे तो ब्लास्ट हो गया
टैंकर की अन्य वाहन से टक्कर होने के बाद उनके आगे चल रही कार रुकी तो गैस की बदबू चारो तरफ फैल गई। जिस पर लोग चिल्लाने लगे। उनके साथ जब वे दोनों साथ कार का गेट खोलकर उतरने लगे तो ब्लास्ट हो गया, सभी ने कार को मौके पर ही छोड़कर अपनी जान बचाने का प्रयास किया, लेकिन आग की लपटों ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया। भैंरुजी महाराज का शुक्रिया अदा किया
जैसे तैसे भाग कर अपनी जान बचाई और किसी ने उन्हें उपचार के लिए भांकरोटा हॉस्पिटल में पहुंचाया। जहां किसी के फोन से परिजनों को इस बारे में जानकारी दी। सूचना मिलते ही लालसोट से पहुंचे पिता बनवारीलाल शर्मा, चचेरा भाई महेशकुमार शर्मा व राजेश कुमार शर्मा ने आराध्य भैंरुजी महाराज का शुक्रिया अदा करते हुए बताया कि भगवान के ही आर्शीवाद से प्रकाश की जान बची है। आग मेें दोनों हाथ, बाया पैर, चेहरा, कान, आंख जल गए हैं। अब जयपुर के एक निजी हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है।