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Jalore News: मनरेगा के एप में सबसे बड़ी गड़बड़ी, कुछ नहीं कर पा रहे अफसर, हो रहा फर्जी भुगतान

मेट ने एक बार ऑनलाइन हाजरी लगा दी तो अफसर उसे नहीं बदल सकते हैं, भले ही श्रमिक गैर हाजिर हो।

जालोरNov 27, 2024 / 11:09 am

Rakesh Mishra

MGNREGA News
MGNREGA News: पंचायतीराज के मनरेगा के मोबाइल एप के सिस्टम में गड़बड़ी के चलते एक बार हाजरी लगने के बाद उसे गैर हाजिर नहीं बता सकते है। भले ही निरीक्षण के दौरान श्रमिक कार्यस्थल पर मौजूद नहीं हो। निरीक्षण के दौरान कोई भी अफसर सिस्टम में फर्जी रूप से भरी हुई ऑनलाइन हाजरी को हटा नहीं सकते है।
सिस्टम के इस फर्जीवाडे को लेकर पंचायतीराज के अधिकारियों ने कई बार लिखित में शिकायत पेश की, लेकिन सिस्टम में कोई बदलाव नहीं हो पाया। मजे की बात तो यह है कि फर्जीरूप से भरी हुई हाजरी का भुगतान भी सिस्टम के हिसाब से हो जाता है और अफसरों के पास केवल हाथ पर हाथ धरने के सिवाय कुछ नहीं है। ऐसे में सिस्टम के फर्जीवाड़े से मनरेगा में फर्जी भुगतान हो रहा है।

कागजी साबित हो रहा है निरीक्षण

मनरेगा के तहत गांव में चल रहे विकास कार्य पर औचक निरीक्षण के दौरान किसी मेट ने ऑनलाइन एप में हाजरी भर दी है और मौके पर श्रमिक गैर हाजिर है तो अफसर भी उसे गैर हाजिर नहीं बता सकते है। क्योंकि एक बार हाजरी भरने के बाद मोबाइल एप में उसे एडिट नहीं कर सकते है। ऐसे में मनरेगा स्थल पर अफसरों के निरीक्षण कागजी साबित हो रहे हैं।

सिस्टम के हिसाब से भुगतान

मनरेगा में कार्य करने वाले श्रमिकों को भुगतान ऑनलाइन श्रमिक के बैंक खाते में होता है। निरीक्षण के दौरान मेट के पास रखे मस्टरोल में भी अगर किसी अफसर ने अनुपस्थित दर्ज कर ली तो भी श्रमिक को भुगतान ऑनलाइन सिस्टम में भरी हुई हाजरी के हिसाब से ही होता है। पखवाड़े के दौरान कोई श्रमिक दो-चार दिन गैर हाजिर भी है तो ऑनलाइन हाजरी होने पर भुगतान सीधा उसके खाते में चला जाता है। ऐसे में पंचायतीराज के अफसर चाह कर भी मनरेगा के इस सिस्टम के फर्जीवाडे को रोक नहीं पा रहे हैं।

कई बार लिखा, लेकिन सुधार नहीं

मनरेगा में मोबाइल एप के हाजरी के सिस्टम में सुधार के लिए कई बार उच्च अधिकारियों व मंत्रालय को पत्राचार किए, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ।

  • रमेश शर्मा, विकास अधिकारी, पंचायत समिति, भीनमाल
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