दरअसल,
भजनलाल सरकार के मंत्री स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के चुनाव हारने पर अपनी मुछे मुंडवाने की शपथ ली थी। इसके बाद उनका यह बयान चर्चा का विषय बना था, अब यहां से बीजेपी के रेवंतराम डांगा ने जीत दर्ज की है, जिससे अब मंत्री को मूंछ मुंडवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मूंछों का मामला जयपुर तक पहुंचा
बता दें, खींवसर उपचुनाव के प्रचार के दौरान चला मूंछों का यह मामला अब राजधानी जयपुर तक पहुंच गया है। जब से खींवसर उपचुनाव का रिजल्ट आया है, तब से मंत्री खींवसर और उनके बेटे लगातार सोशल मीडिया पर इससे जुडे़ पोस्ट डाल रहे हैं। वहीं, परिणाम के तुंरत बाद भी एक वीडियो में मंत्री खींवसर मूंछो के ताव देते हुए नजर आए थे। अब सिविल लाइन्स में मुख्यमंत्री आवास के सामने गली में बने खींवसर हाउस के आसपास कई जगह मूंछों के होर्डिंग लगने के बाद इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं।
इन होर्डिंग्स पर मूंछों के चित्र के साथ हैसटेग खींवसर लिखा हुआ है। ये होर्डिंग सिविल लाइन आने जाने वालों के कौतुहल का विषय बने हुए हैं। इन होर्डिंग को देखकर साफ समझा जा सकता है कि ये मंत्री खींवसर के बयान से जुड़े हुए हैं, जो चुनाव प्रचार के दौरान दिया गया था।
बीजेपी ने जीती पांच सीट
गौरतलब है कि राजस्थान उपचुनाव की सभी सातों सीटों का परिणाम आ गया है, इनमें बीजेपी ने पांच सीटों (झुंझुनूं, खींवसर, देवली-उनियारा, सलूंबर, रामगढ़) पर जीत का परचम लहराया है। वहीं, कांग्रेस को दौसा और बाप को चौरासी में जीत से संतोष करना पड़ा है। इन उपचुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है, क्योंकि 2023 के विधानसभा चुनावों के समय इन सात सीटों में से कांग्रेस के पास चार, एक बीजेपी, एक बाप और एक आरएलपी के पास थी। अब परिणाम के बाद कांग्रेस केवल अपनी दौसा सीट बचा पाई है। कांग्रेस को रामगढ़, देवली-उनियारा और झुंझुनूं में हार का सामना करना पड़ा है। हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी को भी अपनी एक सीट गंवानी पड़ी है।