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जयपुर

आपकी बात….. खेलों में राजनीतिक दखलंदाजी को रोकने के उपाय क्या हो सकते हैं?

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

जयपुरDec 26, 2024 / 01:57 pm

Hemant Pandey

लोढ़ा समिति के सुझावों को शीघ्रता से लागू कर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया जाए और योग्य खिलाड़ियों को अधिक अवसर प्रदान किए जाएं, ताकि देश में खेलों में शुचिता आ सके।

लोढ़ा समिति के सुझावों को शीघ्रता से लागू कर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया जाए और योग्य खिलाड़ियों को अधिक अवसर प्रदान किए जाएं, ताकि देश में खेलों में शुचिता आ सके।

संचालन अनुभवशील प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों को मिले

देश में खेल संघों का संचालन अनुभवशील प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों द्वारा किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, लोढ़ा समिति के सुझावों को शीघ्रता से लागू कर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया जाए और योग्य खिलाड़ियों को अधिक अवसर प्रदान किए जाएं, ताकि देश में खेलों में शुचिता आ सके।

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-रीना आचार्य, नागौर

खेल संघों का संचालन सही हो

कई बार देखा गया है कि खेल और राजनीति एक-दूसरे के साथी नजर आते हैं। इसका एक प्रमुख कारण खेल संघों की लापरवाही भी है। अगर खेल संघों का संचालन सही होगा तो राजनीतिक मुद्दे नहीं बनेंगे।
-कृत भट्ट, बांसवाड़ा

प्रबंधन में पूर्व खिलाड़ियों और खेल विशेषज्ञों को ही शामिल हों

राजनीतिक दखलंदाजी को तभी रोका जा सकता है जब प्रबंधन में पूर्व खिलाड़ियों और खेल विशेषज्ञों को ही शामिल किया जाए। साथ ही प्रबंधन के चयन की प्रक्रिया को राजनीति से स्वतंत्र बनाया जाए, ताकि व्यवस्था में पारदर्शिता हो।
-गजेन्द्र नाथ चौहान, राजसमंद

गैर-राजनीतिक सदस्य हों

राजनीति नेता अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए खेलों में दखलंदाजी करते हैं, जिससे प्रतिभाशाली खिलाड़ी वंचित रहते हैं। बेहतर होगा कि खेलों में गैर-राजनीतिक सदस्य हों और खेल गतिविधियों से जुड़ी हस्तियाँ ही संचालन और प्रशिक्षण का दायित्व निभाएं। इसके लिए सरकार को नियम बनाना चाहिए।
-हरिप्रसाद चौरसिया, देवास

खिलाड़ियों के लिए एक यूनिक आईडी बनानी होगी

खेलों में राजनीतिक दखलंदाजी को रोकने के लिए विद्यालय स्तर से ही खिलाड़ियों के लिए एक यूनिक आईडी बनानी होगी। साथ ही, विभिन्न स्तरों पर खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के लिए सर्टिफिकेट के आधार पर अंक निर्धारण करना चाहिए। इसके अलावा, खेल अभिकरणों में राजनीतिक नियुक्तियाँ बंद कर दी जानी चाहिए।
-दिनेश मेघवाल

एक स्वतंत्र निकाय बनाना चाहिए

भारत में खेलों के उज्ज्वल भविष्य हेतु एक स्वतंत्र निकाय बनाना चाहिए, जिसमें उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन वाले खिलाड़ी, खेल कोच और वरिष्ठ खेल विशेषज्ञों को शामिल किया जाए। इस निकाय में महिला सदस्य भी हों और उनका न्यूनतम कार्यकाल तय किया जाए। राज्य स्तर पर भी स्वतंत्र निकाय गठित किए जाएं।
-राजदीप कंवरिया, अजमेर

खेलों में प्रतिभा को परखने की जरूरत है

खेलों में प्रतिभा को परखने की जरूरत है। खिलाड़ी का कोई धर्म या जाति नहीं होता है। इनका आगे बढ़ना ही देश के हित में योगदान है। इसके लिए एक विशेष गाइडलाइन तैयार की जानी चाहिए, जिसमें पूर्व न्यायधीशों की कमेटी का चयन कर चयन में निर्णय लिया जाए।
-विक्रम हिनोनिया, टोंक

स्वतंत्र और निष्पक्ष खेल संघों की स्थापना

खेल संघों को राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रखा जाना चाहिए। इसके लिए स्पष्ट नियम और मानकों का पालन किया जाए और खेलों में राजनीतिक हस्तक्षेप को रोकने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
-नरपत सिंह चौहान, जैतारण

स्वतंत्र खेल संगठनों की भूमिका बढ़े

खेल संगठनों को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त रखा जाना चाहिए और उन्हें स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
-अनोप भाम्बु, जोधपुर

खेल रिपोर्टरों तथा खेल विशेषज्ञों को पैनल में शामिल करें

जब तक खेलों में राजनीतिक वर्चस्व रहेगा, तब तक राजनीतिक दखलंदाजी होती रहेगी। खेलों में पारदर्शिता लाने के लिए खेल संबंधित समितियों में पूर्व खिलाड़ियों को स्थान दिया जाना चाहिए, और खेल रिपोर्टरों तथा खेल विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
-आजाद पूरण सिंह राजावत, जयपुर

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