Opinion : पाक-अफगानिस्तान तनाव पर रखनी होगी नजर
एक कहावत है, ‘जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है, उसके लिए खाई तैयार रहती है।’ पाकिस्तान के हालात पर यह सटीक बैठती है। आतंक फैलाकर भारत को अस्थिर करने के ख्वाब देखने वाला पाकिस्तान खुद आतंकियों के हमले झेल रहा है। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के अनुसार, इस साल के पहले 10 महीनों में […]
एक कहावत है, ‘जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है, उसके लिए खाई तैयार रहती है।’ पाकिस्तान के हालात पर यह सटीक बैठती है। आतंक फैलाकर भारत को अस्थिर करने के ख्वाब देखने वाला पाकिस्तान खुद आतंकियों के हमले झेल रहा है। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के अनुसार, इस साल के पहले 10 महीनों में करीब डेढ़ हजार से ज्यादा हिंसक घटनाओं में 900 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। असल में पाकिस्तान में कई तरह के आतंकी संगठन पनप गए हैं, जो मौका मिलने पर सेना को निशाना बनाने से भी नहीं चूकते। इनमें से एक तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) है।
पाकिस्तान का आरोप है कि यह संगठन अफगानिस्तान की जमीन से संचालित हो रहा है। इसलिए टीटीपी के हमले में 16 सैनिकों की मौत के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर दी, जिसमें 46 लोग मारे गए। अब अफगानिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। इससे क्षेत्र में अस्थिरता बढऩे के साथ आतंकी घटनाएं भी बढ़ सकती हैं। इसलिए भारत को भी इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखनी होगी। तालिबान सरकार के कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी और कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुताक्की ने पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि मुहम्मद सादिक खान से मुलाकात की थी। इसके तुरंत बाद हमले को अंजाम दिया गया। बातचीत का दिखावा करके हमले करना पाकिस्तान की फितरत में शामिल है।
भारत तो पाकिस्तान के इस दोहरे रवैये से पहले से परिचित है। अफगानिस्तान में तालिबान शासन स्थापित होने पर खुश होने वाला पाकिस्तान अब उस पर एयर स्ट्राइक कर रहा है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों देशों के संबंध किस कदर बिगड़ गए हैं। पाकिस्तान जहां आतंकियों को निशाना बनाने की बात कह रहा है, वहीं अफगानिस्तान इसे शरणार्थियों पर हुआ हमला बताकर इसकी घोर निंदा कर रहा है। हालांकि, यह तो सही है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर एयर स्ट्राइक की है और ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक इस बात का प्रमाण है कि वह यह मानता है कि आतंकियों के ठिकाने नष्ट करने के लिए किसी दूसरे देश पर हमला किया जा सकता है। ऐसे में उसे यह भी मानना होगा कि पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत की बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक किसी भी लिहाज से गलत नहीं थी। पाकिस्तान ही नहीं बल्कि समूची वैश्विक बिरादरी को यह भी समझना होगा कि आगे भी आतंकियों के ठिकाने नष्ट करने के लिए भारत यह रास्ता अपनाए तो किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
Hindi News / Prime / Opinion / Opinion : पाक-अफगानिस्तान तनाव पर रखनी होगी नजर