मुख्यमंत्री बजट घोषणा में घोषित प्रदेश के 8 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे अहम है तो इन सभी कार्यों के लिए यह कार्य तय अवधि से पहले पूरा करने की प्रयास है। सब कुछ ठीक रहा तो प्रोजेक्ट के लिए धरातल पर आगामी दो साल में काम नजर आने लग जाएगा। बता दें जालोर-झालावाड़ प्रोजेक्ट की एस्टीमेटेड कोस्ट 10 हजार करोड़ से अधिक की आंकी गई है। डीपीआर बनने पर प्रोजेक्ट की वास्तविक स्थिति का आंकलन हो पाएगा।
अभी फाइल वित्त विभाग के पास
विभागीय जानकारी के अनुसार इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की फाइल फिलहाल वित्त विभाग के पास है। वहां से स्वीकृति मिलने के साथ प्रोजेक्ट की क्रियान्विति के काम शुरु हो पाएगा। पहले स्तर पर फिजिबिलिटी जांची जाएगी और उसके साथ ही डीपीआर का काम भी हो पाएगा। बता दें कि जालोर में बेहतर रोड कनेक्टिविटी नहीं है, सिरोही तक से नेशनल हाइवे से जुड़ाव नहीं है। जिसका सबसे बड़ा नुकसान जालोर के ग्रेनाइट उद्योग, अनार मंडी, एग्रो प्रोडक्ट से जुड़े व्यापारियों को हो रहा है।
प्रदेश के बाकी 7 प्रोजेक्ट के लिए भी कवायद तेज
जालोर-झालावाड़ प्रोजेक्ट के अलावा 7 अन्य प्रोजेक्ट के लिए भी कवायद तेज हो चुकी है। जिसके तहत कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस-वे, जयपुर-भीलवाड़ा, बीकानेर-कोटपूतली, ब्यावर-भरतपुर, अजमेर-बांसवाड़ा, जयपुर-फलौदी, श्रीगंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस वे के लिए डीपीआर बनेगी। इस तरह की रूट कनेक्टिविटी प्रस्तावित
डीपीआर बननी है, लेकिन उससे पहले सभी प्रोजेक्ट की प्रस्तावित रूट कनेक्टिविटी तय की गई है। जो इस तरह है। 1-
जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस-वे की कनेक्टिविटी जालोर के निकट अमृतसर-जामनगर इकोनॉमी कोरिडोर से तो दूसरे छोर पर झालावाड़ के निकट दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस तक प्रस्तावित, 402 किमी इस प्रस्तावित रूट की एस्टीमेटेड कोस्ट 10 हजार 300 करोड़ है।
2- कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस वे की कनेक्टिविटी एक तरफ कोटपूतली में नेशनल हाइवेे 148-बी में पान्याला के निकट से तो दूसरे छोर पर किशनगढ़ में नेशनल हाइवे 48 और नेशनल हाइवे 448 के इंटरचेंज पर, 181 किमी इस प्रस्तावित रूट की एस्टीमेटेड कोस्ट 4788 करोड़ है।
- बीकानेर-कोटपूतली एक्सप्रेस वे की कनेक्टिविटी एक तरफ बीकानेर में नेशनल हाइवे-11 और नेशनल हाइवे 62 के इंटरसेक्शन से नेशनल हाइवे 148-बी पर पान्याला मोड, 295 किमी प्रस्तावित इस रूट की एस्टीमेटेड कोस्ट 6301 करोड़ आंकी गई है।
- जयपुर-भीलवाड़ा एक्सप्रेस वे में जयपुर की तरफ से स्टेेट हाइवे-12 से जयपुर रिंग रोड से शुरु होकर दूसरे छोर पर भीलवाड़ा में भीलवाड़ा बाइपास तक प्रस्तावित, 193 किमी प्रस्तावित इस रूट की प्रोजेक्ट कोस्ट 4696 करोड़ आंकी गई है।
- ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस वे में एक छोर पर नेशनल हाइवे-58 में ब्यावर से दूसरे छोर पर भरतपुर में नेशनल हाइवे-21 तक कनेक्टिविटी प्रस्तावित है। 342 किमी प्रस्तावित इस रूट की प्रोजेक्ट कोस्ट 8339 करोड़ आंकी गई है।
- अजमेर-बांसवाड़ा एक्सप्रेस-वे में अजमेर में यह रूट अजमेर के निकट जयपुर-किशनगढ़-अजमेर-जोधपुर के नए प्रस्तावित रूट से बांसवाड़ा के निकट नेशनल हाइवे 927ए पर सलिया गांव के पास प्रस्तावित, 358 किमी प्रस्तावित इस रूट की प्रोजेक्ट कोस्ट 8934 करोड़ आंकी गई है।
- जयपुर-फलोदी एक्सप्रेस वे में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे एक छोर पर जयपुर के निकट रिंग रोड से तो दूसरे छोर पर फलौदी कस्बे के नेशनल हाइवे-11 से कनेक्टिविटी प्रस्तावित, 345 किमी प्रस्तावित इस रूट की प्रोजेक्ट कोस्ट 7086 करोड़ आंकी गई है।
- श्रीगंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस वे में गंगानगर की तरफ से एक छोर रीको इंडस्ट्रीज एरिया सेे दूसरे छोर में कोटपूतली के पास मंडलाना गांव के पास नारनौल बाइपास तक प्रस्तावित, 290 किमी प्रस्तावित इस रूट की प्रोजेक्ट कोस्ट 7015 करोड़ आंकी गई है।
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के तहत पूर्ण प्रोजेक्ट के लिए पहले स्तर पर डीपीआर का काम होना है। यह काम एजेंसी को 18 माह में पूरा करना है। हालांकि प्रयास रहेगा कि उससे पहले ही यह काम हो जाए।
- अंशु गर्ग, एसई, पीडब्ल्यूडी (एनएच)