यह है संक्रमण के लक्षण
कैनाइन पार्वो वायरस एक घातक वायरस है। यह पालतू कुत्तों के बाहरी के संपर्क में आने से फैलता है। इसके अलावा दूषित मल, सतह, भोजन, पानी के कटोरे व संक्रमित पट्टी व कॉलर से फैलता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर पालतू जानवर में सुस्ती, अवसाद, भूख में कमी, जी मिचलाना, लगातार दिन में 4-5 बार उल्टी करना व खूनी एवं बदबूदार दस्त लगती है। यह है उपचार
पशु चिकित्सा विभाग के अनुसार सही समय पर उचित उपचार नहीं मिलने पर कैनाइन पार्वो वायरस जानलेवा हो सकता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर डॉगी में निर्जलीकरण होता है। जिसके लिए ड्रीप लगाई जाती है। इसके अलावा एंटी एमेटिक्स, एंटी डायरियल, एंटासिड की डोज दी जाती है।द्वितीयक जीवाणु संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए एंटीबायोटिक्स लगाई जाती है।
समय पर करवाए इलाज
पालतू डॉगी को संक्रमण से बचाने के लिए समय पर टिकाकरण करवाना चाहिए। इसके अलावा संक्रमित होने पर तुरंत पशु चिकित्सक से सलाह लेकर इलाज करवाना चाहिए। सीपीवी संक्रमण से बचाव के लिए सालाना बूस्टर लगावें। वहीं डॉगी के रहवास वाले स्थान पर 2 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोरिट सॉल्यूशन का छिड़काव करना चाहिए।
डॉ राजीव जीनगर, ब्लॉक पशु चिकित्सा अधिकारी,भीनमाल