बता दें, भाजपा से राजेंद्र भांबू, कांग्रेस से अमित ओला व निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्रसिंह गुढ़ा ही जमानत बचा पाए। जबकि अन्य आठ प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।
त्रिकोणीय रहा मुकाबला
उप चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय रहा। अन्य आठ प्रत्याशियों को कुछेक मतदाताओं को छोड़कर किसी ने पसंद नहीं किया। भाजपा के राजेंद्र भांबू को 90 हजार 425 वोट मिले। जबकि कांग्रेस के अमित ओला 47 हजार 577 वोट हासिल कर दूसरे नंबर पर और निर्दलीय राजेंद्रसिंह गुढ़ा के झुंझुनूं विधानसभा में पहली बार भाग्य आजमाने पर 38 हजार 751 वोट मिल गए। 2023 में भी तीन की बची थी जमानत
2023 में झुंझुनूं विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में भी तीन प्रत्याशी ही जमानत बचा पाए थे। जमानत बचाने वालों में हाल ही में हुए उप चुनाव की तरह दोनों बड़े दल भाजपा व कांग्रेस समेत एक निर्दलीय की जमानत बची थी। छह प्रत्याशी जमानत नहीं बचा पाए थे। उस चुनाव में नौ प्रत्याशी मैदान में थे।
इनमें भाजपा से निषित कुमार, कांग्रेस से बृजेंद्र ओला व निर्दलीय राजेंद्र भांबू की ही जमानत बची थी। एक लाख 93 हजार 757 मतदाताओं ने वोट डाले थे। जिनमें कांग्रेस के बृजेंद्र ओला को 86797, भाजपा के निषित कुमार को 57935 और निर्दलीय राजेंद्र भांबू को 42407 वोट मिले थे। जबकि छह प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी।
ढाई हजार से कम वोट
विधायक बनने का सपना देखने वाले आठ प्रत्याशियों में कोई भी प्रत्याशी ढाई हजार वोटों का आंकड़ा नहीं छू पाया। वोट हासिल करने में चौथे नंबर पर रहे आजाद समाज पार्टी कांशीराम से प्रत्याशी आमीन मनियार भी महज 2043 वोटों पर ही सिमट गए। जबकि मंगलम पार्टी से मधू मोरारका 265 वोट ही हासिल कर पाई। इसके अलावा निर्दलीय दानसिंह को 1286, निशा कंवर को 425, कैलाशदास को 159, अमित को 144, अमित कुमार को 123 व अलतीफ को महज 77 वोट मिले।