सेना के अधिकारियों व जिला कलक्टर ने दोनों बेटियों तथा पुत्र को शहीद की सेना की ड्रेस तथा तिरंगा भेंट किया । इससे पहले जब पार्थिव देह पहुंची और वीरांगना सुमन कंवर को अंतिम दर्शन के लिए लाया गया तो वीरांगना पार्थिव देह से लिपट कर रो पड़ी। यह देखकर सभी लोग भावुक हो गए। वहीं बेटियां भी जिला सैनिक कल्याण अधिकारी से लिपटकर अपने पिता को वापस लाने के लिए बिलख पड़ी।
सर्विलांस ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ी
सेना से आए अधिकारियों ने बताया कि 23 नवंबर को रात 11:40 बजे सर्विलांस ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ी थी। उन्हें इम्फाल (मणिपुर) स्थित शिजा हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट ले जाया गया था। वहां रात करीब 2:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली थी। इसके बाद मंगलवार सुबह पार्थिव देह गांव पहुंची। इससे पहले सोमवार देर शाम को शहीद की पार्थिव देह जयपुर एयरपोर्ट पहुंची।
जहां सेना की यूनिट ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद जयपुर स्थित आर्मी हॉस्पिटल ले जाया गया था। जयपुर स्थित आर्मी हॉस्पिटल से मंगलवार को सुबह 5:30 बजे सेना की टुकड़ी के साथ पार्थिव देह गांव काजड़ा के लिए रवाना हुई। करीब 10 बजे पार्थिव देह सूरजगढ़ और काजडा पहुंची।