सीएम ने कहा कि स्किल डवलपमेंट के जरिए अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लक्ष्य तय कर विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की ओर से चुनी गई ट्रेनिंग पार्टनर फर्म एमओयू की शर्तों के मुताबिक निर्धारित संख्या में प्रशिक्षित युवाओं को प्लेसमेंट उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि स्किल डवलपमेंट के लिए तय की गई शर्तों के अनुसार उपलब्ध इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं सुविधाओं के बारे में पूरी छान-बीन कर ट्रेनिंग पार्टनर फर्म का चयन किया जाए।
भिक्षावृत्ति खत्म करने के लिए भिखारियों को मिले रोजगार की ट्रेनिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए भिखारियों को कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने भिक्षावृत्ति उन्मूलन एवं भिखारियों को रोजगार से जोड़ने की योजना की सराहना करते हुए इसे हर जिले में लागू करने के निर्देश दिए और कहा कि इससे भिक्षावृत्ति उन्मूलन में काफी सफलता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि स्किल ट्रेनिंग के बाद रोजगार हासिल करने वाले भिखारियों की सेवाएं अन्य भिखारियों को प्रशिक्षण देकर मुख्यधारा में लाने के लिए मास्टर ट्रेनर्स की तरह ली जाएं। उन्होंने भिखारियों के पुनर्वास एवं उनके प्रशिक्षण के लिए आरएसएलडीसी एवं सामाजिक न्याय व आधिकारिता विभाग को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में आरएसएलडीसी के चैयरमेन नीरज के. पवन ने युवाओं मे स्किल डवलपमेंट के लिए चलाई जा रही योजनाओं एवं बजट घोषणाओं की क्रियान्विति के बारे में अलग से प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि भिखारियों को रोजगार से जोड़ने की योजना में 100 भिखारियों को प्रशिक्षित किया गया, उनमें से 40 को अक्षयपात्र संस्था में रोजगार मिल चुका है।