Holi: होली को लेकर बाजार गुलजार, कारोबारियों के खिले चेहरे, दोगुना होगा कारोबार
Holi होली के रंगों से गुलाबी नगरी के बाजार सरोबर है। तीन साल बाद हर तरफ होली त्योहार की धूम है। कोई रंग-गुलाल खरीदने में मशगुल हैं तो कोई गुजिया। चारदीवारी के बाजार रंग गुलाल से पटा है, तो वहीं बाहरी बाजार भी शुद्ध घी व ड्राइफ्रूट वाले गुजियों से महक रहे हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले तीन साल से बाजार में होली का रंग नहीं चढ़ रहा था, लेकिन इस साल जमकर होली की खरीदारी चल रही है। बाजारों में कई तरह की पिचकारियां और रंगों के साथ में अलग-अलग तरह के फेस मास्क भी आ गए हैं। लोगों ने भी इनकी खरीदारी भी शुरू कर दी है।
एक सप्ताह पहले से ही तैयारियां एक सप्ताह पहले से ही लोग होली की तैयारियों में जुट गए हैं। रंग-गुलाल, पिचकारी आदि का आर्डर दुकानदार बड़े स्तर दे रहे हैं। अभी से लोगों ने खरीदारी भी शुरू कर दी हैं। छोटे बाजारों व चौराहे पर भी करोड़ों का कारोबार हो रहा है। मिठाई के दुकानदार अजय कहते हैं कि पिछली तीन होली पर बाजार में सन्नाटा रहा है। इस बार बाजार में रौनक बढ़ी है, पूरी उम्मीद है कि बाजार गुलजार होगा और खूब बिक्री हिोगी। सदियों से रंग और गुलाल हाथरस में बनते आ रहे हैं। आपको बता दें कि सालभर में करीब 15 हजार टन रंग और गुलाल बनाए जाते हैं। एक आंकलन के आधार पर इसका कुल कारोबार 50 करोड़ से भी ज्यादा का होता है।
मंदिरों में होती है सबसे ज्यादा मांग घरों से ज्यादा गुलाल मंदिरों में इस्तेमाल किया जाता है। केवल जयपुर के मंदिरों की बात करें तो अलग-अलग मंदिरों में करीब 100 टन से ज्यादा गुलाल उड़ाया जाता है। गौरतलब है कि शहर में देश-दुनिया से पहुंचने वाले भक्तों को रंग-गुलाल में सराबाेर करने के लिए सभी बड़े मंदिरों में गुलाल का उपयोग किया जाता है। बाजार में अलग-अलग तरह की पिचकारी, गुब्बारे और अन्य आकर्षक उत्पाद उपलब्ध हैं। प्रेशर वाली पिचकारी 100 रुपए से उपलब्ध है। टैंक के रूप में पिचकारी 150 रुपए से उपलब्ध है। सस्ती पिचकारी 15 रुपए से शुरू होती है, इसके अलावा फैंसी पाइप की भी बाजार में धूम मची है। बच्चे स्पाइडर मैन, छोटा भीम से जुड़ी पिचकारियों को खूब पसंद कर रहे हैं।
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