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जयपुर

सरसों की रिकॉर्ड पैदावार, किसानों को नहीं मिल रही कीमत, एमएसपी से नीचे चले गए दाम

इस साल सरसों ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, क्योंकि इस साल किसानों को सरसों की कम कीमत मिल रही है।

जयपुरMar 08, 2023 / 09:08 am

Narendra Singh Solanki

सरसों की रिकॉर्ड पैदावार, किसानों को नहीं मिल रही कीमत, एमएसपी से नीचे चले गए दाम

सरसों की रिकॉर्ड पैदावार, किसानों को नहीं मिल रही कीमत, एमएसपी से नीचे चले गए दाम

इस साल सरसों ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, क्योंकि इस साल किसानों को सरसों की कम कीमत मिल रही है। कुछ मंडियों में भाव एमएसपी से नीचे चले गए हैं। आवक के दबाव को देखते हुए आने वाले दिनों में सरसों के भाव और गिरकर सभी मंडियों में एमएसपी से नीचे जाने की आशंका है। पिछले साल की तुलना में किसानों को सरसों के भाव करीब 1500 रुपए क्विंटल कम मिल रहे हैं। सरसों के भाव औंधे मुंह गिरने की वजह देश में इस साल रिकॉर्ड पैदावार के साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में छाई सुस्ती है। बीते दो सालों के दौरान सरसों के दाम काफी अच्छे मिलने के कारण इस साल भी किसानों ने सरसों की खेती पर खूब जोर दिया, लेकिन अब भाव कम मिलने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस साल सरसों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5450 रुपए प्रति क्विंटल भी नहीं मिल रहे हैं।
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एक माह में सरसों तेल के दाम 15% तक घटे

मरुधर ट्रेडिंग के निदेशक अनिल चतर ने बताया कि एक साल पहले सरसों तेल थोक में 190 और खुदरा में 210 रुपए किलो तक बिका था। आपूर्ति बढ़ने से एक साल के दौरान सरसों तेल करीब 40 फीसदी सस्ता हाे चुका है। एक महीने में ही सरसों तेल की कीमत में 15 फीसदी कमी आई है। जयपुर मंडी में अच्छी गुणवत्ता वाली सरसों के भाव करीब 5400 रुपए क्विंटल के आसपास चल रहे हैं।
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मंडियों में बढ़ रहा है सरसों की आवक का दबाव

पिछले सप्ताह के शुरुआत में मंडियों में 2 से 2.50 लाख बोरी सरसों की आवक हो रही थी, लेकिन अब यह आवक बढ़कर 12 लाख बोरी हो गई। आगे आवक का दबाव और बढेगा। साथ ही इस साल सरसों की रिकॉर्ड पैदावार होने का अनुमान है। ऐसे में आगे सरसों की कीमतों में नरमी रहने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी खाद्य तेलों में मंदी का माहौल है। इससे भी सरसों की कीमतों में मंदी को बल मिलेगा।
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इस रबी सीजन में सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन

सरसों की बुआई रिकॉर्ड 98.02 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो वर्ष 2021-22 के मुकाबले 6.77 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। पिछले सीजन में भी बुवाई रिकॉर्ड स्तर पर हुई थी। कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार चालू रबी में सरसों का उत्पादन बढ़कर 128 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले रबी सीजन में 117.46 लाख टन सरसों पैदा हुई थी।
https://youtu.be/ML3Yy64IZMI

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