आपात सहायता (Emergency Help):
- महिला द्वारा हेल्प रिक्वेस्ट करने पर 1090 कंट्रोल रूम (जयपुर) को नोटिफिकेशन भेजा जाता है।
- कंट्रोल रूम पुलिसकर्मी समस्या का पता कर नजदीकी थाने और 112 वाहन को सूचना देते हैं।
- पीड़िता ऐप पर पुलिस वाहन की लाइव लोकेशन देख सकती है।
- सहायता मिलने के बाद पुलिसकर्मी या पीड़िता रिक्वेस्ट बंद कर सकते हैं।
गैर-आपात सहायता (Non-Emergency Help):
- गैर-आपात स्थिति में रिक्वेस्ट करने पर कंट्रोल रूम पुलिसकर्मी समस्या सुनकर संबंधित थाने को मदद पहुंचाने के निर्देश देता है।
- परिवाद की स्थिति में सीसीटीएनएस के माध्यम से जांच शुरू कर संबंधित थाने को जानकारी दी जाती है।
संकटग्रस्त महिलाओं को तत्काल पुलिस सहायता प्रदान करने के लिए पुलिस मुख्यालय का नवाचार
संकटग्रस्त महिलाओं को तत्काल पुलिस सहायता प्रदान करने के लिये राजकॉप सिटीजन एप, वूमन सेफ्टी के तहत “नीड हेल्प” के जरिये पुलिस सहायता उपलब्ध कराने की योजना पुलिस मुख्यालय द्वारा शुरू की जा रही है। इसके लिए सर्वप्रथम विभिन्न जिला एवं रेंज स्तर पर सुरक्षा सखी, पुलिस मित्रों एवं अन्य जनसम्पर्क के माध्यम से इस एप के प्रयोग सम्बन्धी डेमोस्ट्रेशन दिया जाएगा।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस सिविल राइट्स एवं एएचटी मालिनी अग्रवाल ने इस संबंध में सभी पुलिस अधीक्षक व पुलिस उपायुक्त को निर्देश जारी कर अधिकाधिक राजकॉप सिटीजन एप को मोबाईल पर डाउनलोड करने आमजन को डेमोंसट्रेशन के द्वारा प्रेरित करने को लिखा है। जिससे इस योजना का लाभ संकटग्रस्त महिलाओं को मिल सके।
एडीजी श्रीमती अग्रवाल ने बताया कि राजकॉप सिटीजन ऐप में महिला सुरक्षा के लिए मदद चाहिए (Need Help) का Feature दिया गया है। जिसमे आपात स्थिति में सहायता व गैर आपात स्थिति में सहायता की दो तरह की सुविधाएं दी गयी है।
आपात स्थिति में सहायता (Emergency Help)
आपात स्थिति में सहायता के लिए जब भी किसी महिला द्वारा रिक्वेस्ट की जाती है, तो 1090 कन्ट्रोल रूम (जयपुर) को नोटिफिकेशन जाता है। कन्ट्रोल रूम पर कार्यरत पुलिसकर्मी के नोटिफिकेशन स्वीकृत करने पर इसकी सूचना पीड़ित को ऐप पर दिखायी देती है। इसके बाद पीड़ित को कॉल कर समस्या पता की जाती है। अगर पीड़ित फोन नहीं करने का मैसेज रिक्वेस्ट के साथ भेजता है तो ऐसी स्थिति में लोकेशन पर मदद पहुंचाने की कार्यवाही की जाती है। जयपुर कन्ट्रोल रूम ऑपरेटर द्वारा बिना समय गंवाए सम्बन्धित जिले के अभय कमाण्ड सेंटर को सूचना भिजवाई जाती है। जिसके आधार पर पीड़ित की लोकेशन पर उस जिले के सम्बंधित थाने को पहुँच जाती है। थाना पुलिस या नजदीकी वाहन 112 पीड़ित की लोकेशन पर पहुंच मदद पहुंचाता है। वाहन 112 की लोकेशन पीड़ित एप पर ट्रैक वाहन की सहायता से देख सकता है।
एप पर हेल्प मांगने के बाद पीड़ित के पास पुलिस की गाड़ी पहुंचने तक की सभी जानकारी ऐप पर दी जाती है। जरूरी सहायत मिलने के बाद पुलिस कर्मी रिक्वेस्ट बन्द कर देता है। मदद प्राप्त हो जाने पर पीड़ित स्वयं भी रिक्वेस्ट बन्द कर सकता है।
गैर – आपातकालीन (Non- Emergency Help)
मदद चाहिए (Need Help) के Non- Emergency Help पर क्लिक कर किसी महिला द्वारा रिक्वेस्ट की जाती है, तो उस स्थिति में नोटिफिकेशन को कन्ट्रोल रूम का पुलिसकर्मी स्वीकृत कर पीड़ित को कॉल कर समस्या पता करता है। समस्या सुनने के बाद तुरन्त संबंधित थाने को सहायता उपलब्ध कराने के लिए कॉल करता है। परिवाद होने की स्थिति में कन्ट्रोल रूम कर्मचारी परिवाद प्राप्त कर सीसीटीएनएस में इन्द्राज कर सम्बन्धित थाने को वह परिवाद जांच के लिए भेज देता है। जांच के बाद जो भी कार्रवाई होती है थाना पुलिस द्वारा कॉल कर कन्ट्रोल रूम को दी जायेगी। इस सूचना के आधार पर 1090 कंट्रोल रूम रिक्वेस्ट बंद कर देता है