राजस्थान की नई आबकारी नीति जारी, शराब दुकानों के ठेकेदारों के लिए नई व्यवस्था
Rajasthan New Excise Policy Released : राजस्थान सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए नई आबकारी नीति जारी कर दी है। शराब दुकानों के ठेकेदार के लिए नई व्यवस्था की गई है। शराब गारंटी राशि 10 फीसदी बढ़ाई गई। आबकारी शुल्क व लाइसेंस फीस में कोई वृद्धि नहीं की गई।
Wine Shop Contractors New Arrangement : राजस्थान सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए गुरुवार को नई आबकारी नीति जारी कर दी है। इसमें वर्तमान दुकान संचालकों को ही फिर से दुकानों का नवीनीकरण कराने का मौका दिया गया है। आबकारी शुल्क और लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी नहीं की गई है। जबकि शराब गारंटी राशि में 10 फीसदी की वृद्धि की गई है। दुकानों की संख्या 7665 ही रखी गई है। जो दुकानें नवीनीकरण से शेष रहेंगी, उनका उठाव नीलामी या फिर ई-बिड के माध्यम से किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया लोकसभा चुनाव को देखते हुए जल्द पूरी की जाएगी। इस नीति से पहले राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने दो साल के लिए नीति जारी की थी। अब फिर दुकानों का नवीनीकरण का मौका दिए जाने से पुराने ठेकेदार ही लगातार तीसरे वर्ष दुकान चला सकेंगे। इस बार दुकान लाइसेंसी को गारंटी पूर्ति के लिए अन्य लाइसेंसी को हस्तातंरण की अनुमति देने का भी प्रावधान रखा गया है।
नई आबकारी नीति के अनुसार अब हर दुकान संचालक स्टॉक रखने के लिए दो गोदाम खोल सकेगा। माइक्रो वाइनरी की स्थापना की भी अनुमति देने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा शराब निर्माताओं को लाइसेंस नवीनीकरण नहीं करा पाने पर आगामी वर्ष उस वर्ष की पूर्ण फीस के स्थान पर 25 प्रतिशत फीस के साथ लाइसेंस का नवीनीकरण करा सकेंगे।
इन जगहों पर होटल बार लाइसेंस फीस होगी कम
मशहूर पर्यटन स्थल जैसलमेर और कुंभलगढ़ में पर्यटन गतिविधियों को और बढ़ावा देने के लिए बड़ी राहत दी गई है। इसके लिए जैसलमेर व कुंभलगढ़ क्षेत्र के होटल बार लाइसेंस फीस में कमी की जाएगी।
नई नीति में राज्य सरकार ने देसी मदिरा व राजस्थान निर्मित मदिरा के पव्वों की दर में अधिकतम 1 रुपए की वृद्धि की है। लाइसेंस जिला स्तर के अधिकारी जारी कर सकेंगे। इसके अलावा ऑनलाइन स्वतः स्वीकृति की व्यवस्था भी की गई है। शराब दुकान संचालक ऑनलाइन डिमांड के साथ सीधे निर्माताओं से शराब ले सकेंगे।
संभागीय आयुक्त करेंगे निगरानी
प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों से राजस्थान आने वाली अवैध शराब की रोकथाम के लिए संभागीय आयुक्तों की अध्यक्षता में आबकारी, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की कमेटी का गठन किया जाएगा। इसके अलावा पुलिस के साथ संयुक्त जांच दल गठित किए जाएंगे। मुखबिर प्रोत्साहन योजना का भी अवैध शराब रोकथाम के लिए उपयोग लिया जाएगा। अवैध शराब की रोकथाम के लिए लाइसेंसधारियों के निरीक्षण की रेंडमाइजेशन व्यवस्था लागू करने के लिए कहा गया है।