‘यह सत्य और अहिंसा की पुस्तक है’
लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा क्या इसमें (संविधान में) सावरकर जी की आवाज़ है? क्या इसमें कहीं लिखा है कि हिंसा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, लोगों को मारा जाना चाहिए या झूठ का इस्तेमाल करके सरकार चलानी चाहिए? यह सत्य और अहिंसा की पुस्तक है। कुछ दिन पहले हमने तेलंगाना में जाति जनगणना का काम शुरू किया है और यह कोई नौकरशाही वाली कवायद नहीं है। तेलंगाना में पहली बार जाति जनगणना को सार्वजनिक किया गया है। जो सवाल पूछे जा रहे हैं, वो बंद कमरे में 10-15 लोग नहीं चुन रहे हैं, वो लाखों लोग हैं, जिनमें दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग के लोग, गरीब, सामान्य जाति के लोग, अल्पसंख्यक लोग, हर कोई शामिल है और तेलंगाना के लोगों ने जनगणना की रूपरेखा तैयार की है, भविष्य में जहां भी हमारी सरकार आएगी, हम वहां जाति जनगणना कराएंगे।
राहुल गांधी का माइक हुआ ऑफ
बता दें कि जब राहुल गांधी दलितों और जाति जनगणना की बात कर रहे थे, तभी अचानक वहां लाइट चली गई। हालांकि कुछ देर का इंतजार करने के बाद जब लाइट आई तो राहुल गांधी ने कहा देश में जो भी आदिवासियों, दलितों और गरीबों की बात करता है, उसका माइक ऑफ हो जाता है। लेकिन जितना चाहे माइक ऑफ कर लो, मुझे बोलने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, ये हिंदुस्तान की हजारों साल की सोच है। इसमें गांधी जी, अंबेडकर जी, भगवान बुद्ध, फुले जी जैसे महान लोगों की आवाज है, लेकिन सावरकर जी की आवाज नहीं है।
‘देश का पूरा बजट 90 लोगों के हाथ में है’
राहुल गांधी ने कहा हिंदुस्तान में हर रोज आदिवासी, दलित, पिछड़े वर्ग का युवा इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, IAS बनने का सपना देखता है। लेकिन सच्चाई यह है- देश का पूरा सिस्टम पिछड़े, दलितों और आदिवासियों के खिलाफ खड़ा है। अगर ऐसा नहीं होता तो देश की 200 बड़ी कंपनियों के मालिकों की लिस्ट में इस वर्ग के लोग मिलते। उन्होंने कहा कि आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को कहा जाता है कि देश आपका है, इसमें आपकी भागीदारी है। लेकिन अगर हम डाटा देखें, तो ये बिल्कुल झूठ साबित होता है। डाटा दिखाता है कि देश का पूरा बजट 90 लोगों के हाथ में है। इनमें से 3 दलित, 3 OBC और 1 आदिवासी वर्ग के लोग हैं। BJP-RSS ने आपके सामने एक दीवार खड़ी कर दी है, जिसे ये लोग हर दिन मजबूत करते जा रहे हैं। BJP के लोग आपकी जेब से पैसा निकालकर अमीरों की जेब में डाल रहे हैं और आपको सिर्फ खोखले सपने दिखा रहे हैं।