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राजस्थान राजस्व सेवा परिषद से जुड़े पटवारी, कानूनगो व तहसीलदार सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह 20 और 21 अप्रेल को अवकाश पर रहकर तहसील, उपखण्ड व जिला मुख्यालय पर धरना दे रहे हैं। राजस्थान पटवार संघ के अध्यक्ष नरेंद्र कविया ने बताया कि राज्य सरकार ने अक्टूबर 2021 में हुए आंदोलन के बाद समझौता करते हुए मांगें मान ली थीं। आज तक उस समझौते का क्रियान्वयन नहीं हुआ है। ऐसे में फिर से पटवारी, तहसीलदार और कानूनगो आंदोलन पर उतरने को मजबूर हैं। यदि दो दिन में सरकार ने मांगें नहीं मानी तो 24 अप्रेल से सभी कार्मिक प्रशासन गांव और शहरों के संग अभियान का बहिष्कार करेंगे।
सरकार से मुख्य मांग की गई है कि नायब तहसीलदार का पद पटवारी के लिए रिजर्व किया जाए, ग्राम सेवक, पटवारी का पे ग्रेड पटवारी से ज्यादा है। इसलिए पटवारी पद को तकनीकी पद घोषित करते हुए ग्रेड-पे 2800 किया जाए। वरिष्ठ पटवारी का पद विलोपित किया जाए। पटवारी, नायब तहलीसदार, तहसीलदार आदि का कैडर रिव्यू किया जाए। पटवारी के कम से कम तीन प्रमोशन किए जाएं। इन मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
सरपंचों ने भी खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा
इधर सरपंचों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजस्थान सरपंच संघ के आह्वान पर सरपंच एक हो गए हैं। प्रदेशभर में सरपंचों ने 20 अप्रेल को पंचायतों में होने वाली बैठक का बहिष्कार किया।पंचायतों पर ताला लगाकर अनिश्चितकालीन बहिष्कार शुरू कर दिया है। प्रदेश में सरपंच 13 अप्रैल से ही आंदोलन कर रहे हैं। पहले उपखंड व जिला कलक्टर कार्यालय पर ज्ञापन व प्रदर्शन किया गया। जयपुर में ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा, मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित अन्य अधिकारियों को अपना मांग पत्र सौंपा। सरपंचों का कहना है कि सरकार की ओर से उनकी अनदेखी की जा रही है। ऐसे में 24 अप्रेल से शुरू होने वाले शिविरों में सरपंच प्रशासन का कोई सहयोग नहीं करेंगे। सरपंचों का आंदोलन जारी रहेगा।
बीडीओ ने भी जताई नाराजगी
ग्राम विकास अधिकारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री, मंत्री, मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव के नाम सहायक विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। तूंगा ग्राम विकास अधिकारी संघ अध्यक्ष भैंरु सहाय शर्मा ने बताया कि सरकार के साथ राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ की मांगों को पूर्ण करवाने के लिए 2021 में किए गए समझौतों को लागू करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि सरकार द्वारा महंगाई राहत शिविर प्रशासन गांव के संग अभियान के शुरू होने से पूर्व सरकार द्वारा लिखित समझौता को लागू नहीं किया गया तो संघ द्वारा शिविरों का पूर्ण असहयोग करते हुए आंदोलन किया जाएगा।