राजस्थान में पिछली सरकार भाजपा सरकार थी। भाजपा सरकार के समय साल 2014 में दलितों पर अत्याचार के पौने सात हजार केस दर्ज हुए थे। ये हर साल कम होते होते साल 2017 तक 4238 तक ही आ गए। उसके बाद साल 2019 से ये बढ़ना शुरु हुए। 2019 में गहलोत सरकार ने शपथ ली। 2019 में पौने सात हजारए 2020 में 7017 और 2021 में इनकी संख्या बढकर 7524 तक जा पहुंची। इस साल शुरुआती छह महीनों में ही 4407 केस सामने आ चुके हैं। इनको दुगना किया गया तो इस साल के अंत तक इनकी संख्या 8 हजार आठ सौ से भी ज्यादा हो सकती है।
अब बात पूरे देश की करें तोण्ण्ण्ण्। नेशलन क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरों के साल 2020 के रिकॉर्डस के अनुसार देश में राजस्थान तीसरे नंबर पर है। साल 2018 से साल 2020 के देश भर के रिकॉर्ड के अनुसार भी राजस्थान देश मंे तीसरे नंबर पर है। एनसीआरबी के साल 2018 से 2020 के रिकॉर्ड के अनुसार दलितों पर इन तीन सालों में डेढ़ लाख से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं। इन तीन सालों के दौरानए सबसे ज्यादा 36ए467 केस उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए। इसके बाद बिहार 20ए 973 मामले और राजस्थान 18ए418 और मध्य प्रदेश 16ए952 में हुए हैं। जबकि यूपी और बिहार की तुलना में राजस्थान में दलितों की संख्या बेहद कम है। हांलाकि साल 2013 में राजस्थान दलितो पर होने वाले अत्याचार के मामलों में पूरे देश में पहले नंबर पर था।