जबलपुर निवासी डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने याचिका में आरोप लगाया कि राजनीतिकों की उपेक्षा के कारण जबलपुर एयरपोर्ट की एयर कनेक्टिविटी कम हुई है। जनहित याचिका पर सुनवाई में न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और विनय सराफ की खंडपीठ ने कहा कि जबलपुर देश का भौगोलिक केंद्र बिंदु है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि ऐसे में अन्य प्रमुख शहरों से हवाई सेवाओं से जोड़ने के लिए अब तक क्या कोशिश की गई हैं।
यह भी पढ़ें: एमपी में बनेगा एक और बड़ा एयरपोर्ट, नए हवाई अड्डे के लिए एएआई ने शुरु किया सर्वे हाईकोर्ट ने इस मामले में भारत सरकार और एयरलाइंस कंपनियों को जवाब प्रस्तुत करने के लिए फिर मोहलत दी है। मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि कोविड-19 महामारी से पहले जबलपुर एयरपोर्ट से 8 नियमित उड़ानें संचालित होती थीं। अब यहां से केवल 4 नियमित उड़ानें ही हैं। यह स्थिति तब है जबकि सरकार 500 करोड़ रुपए में एयरपोर्ट का विस्तार कर चुकी है। याचिका में जबलपुर एयरपोर्ट से देश के अन्य शहरों के लिए हवाई सेवाएं बढ़ाने की मांग की गई है।