डिप्टी सीएम अजित पवार का यह बयान ऐसे समय में आया जब यह नारा पहली बार देने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई में इसी तर्ज पर भाषण दिया। बीजेपी नेता लगातार चुनावी सभाओं में मंच से यह कह रहे है। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को वोटो की गिनती होगी।
एनसीपी उम्मीदवार योगेश क्षीरसागर (Yogesh Kshirsagar) के लिए बीड विधानसभा क्षेत्र में वोट मांगने पहुंचे अजित पवार ने कहा, “हमें आपका समर्थन मिल गया है। आप चिंतित क्यों हैं?…किसी ने कहा ‘बटेंगे तो कटेंगे’ यह महाराष्ट्र में काम नहीं करेगा। आप इसे उत्तर में करें, महाराष्ट्र में नहीं। यह राज्य संतों का है। महाराष्ट्र शिव अनुयायियों की भूमि है। यह शाहू, फुले और अंबेडकर की भूमि है। हमारे खून में उनकी शिक्षाएं हैं, जिसके कारण हम उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए आगे बढ़ेंगे।”
लोकसभा चुनाव के दौरान मुस्लिम आबादी के इंडिया ब्लॉक के पक्ष में होने पर एनसीपी प्रमुख ने कहा, “लोकसभा चुनाव के दौरान अल्पसंख्यकों ने इंडिया ब्लॉक का समर्थन किया था। उसी गठबंधन में शिवसेना (यूबीटी) भी है, जो वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पेश होने पर सदन से बाहर चली गई। आपको उनका (इंडिया ब्लॉक) समर्थन लेने से क्या हासिल हुआ? आपको इस बारे में सोचना चाहिए कि जरूरत के समय कौन लोग आपकी मदद कर रहे हैं।”
अजित दादा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान झूठे प्रचार से पिछड़े समुदाय को भी गुमराह किया गया। विपक्ष ने ऐसा कहा गया था कि अगर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले गठबंधन को चुनाव में 400 से अधिक सीटें मिलीं तो संविधान में संशोधन किया जाएगा। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या संविधान में संशोधन किया गया है?”
उन्होंने कहा कि संविधान ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश को एकजुट रखा है। यह हमारे संविधान के कारण है कि हमारे देश में पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे विद्रोह नहीं होते हैं। यूक्रेन और रूस के हालात देख लीजिए।
अजित पवार ने आगे कहा, “हमारे पास एक समृद्ध परंपरा, संस्कृति और इतिहास है। यह सब मत भूलिए। हम महायुति के गठबंधन सहयोगी हैं और समान मूल्यों को साझा करते हैं। मैं लोगों से एनसीपी उम्मीदवार को वोट देने की अपील करता हूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपका बाल भी बांका नहीं होगा। हम शिवाजी महाराज के मूल्यों में विश्वास करते हैं, जिन्होंने हिंदवी स्वराज की स्थापना करते समय सभी धर्मों के लोगों को अपने साथ लिया।“