14 दिसंबर को ही उन्होंने 90वां जन्मदिन मनाया था। श्याम बेनेगल को नए दौर की फिल्मों के लिए याद किया जाता है। उन्होंने ‘अंकुर’, ‘निशांत’, ‘मंथन’ और भूमिका जैसी फिल्में बनाई थी। श्याम को साल 1976 में पद्मश्री और 1991 में पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया था। साल 2007 में उन्हें भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्होंने 1980 के दशक के मध्य में दूरदर्शन के लिए धारावाहिक ‘यात्रा’, ‘कथा सागर’ और ‘भारत एक खोज’ भी बनाई थी।
वह इकलौते फिल्म निर्देशक थे, जिन्होंने सर्वश्रेष्ठ हिंदी फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पांच बार जीत था। इसके अलावा श्याम बेनेगल को साल 2012 में साउथ एशियन सिनेमा फाउंडेशन के एक्सीलेंस इन सिनेमा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उनको भारतीय सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह पुरस्कार लंदन में दिया गया था।
उन्होंने फिल्मों के अलावा डॉक्यूमेंटरी, टेलीविजन धारावाहिक और शॉर्ट फिल्में भी बनाई थी। इसमें ‘नेहरू’ (1985) और ‘सत्यजित राय, फिल्मकार’ को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला। टेलीविजन धारावाहिक में ‘यात्रा’ (1986), कथासागर (1986), भारत एक खोज (1988) और शॉर्ट फिल्मों में ‘घर बैठा गंगा’ (1962), ‘पूवनम’ (1969), ‘फ्लॉवर गार्डन’ (1969), ‘हीरो’ (1975) शामिल हैं।