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बिहार में अनंत सिंह को टक्कर देगा सोनू-मोनू गैंग?

Bihar News: अनंत सिंह बिहार के बाहुबली नेताओं में शुमार हैं। वह कई बार विधायक रहे हैं और जेल भी जा चुके हैं। गोलीबारी उनके लिए कोई नई बात नहीं है।

पटनाJan 23, 2025 / 07:56 pm

Ashib Khan

Anant Singh

Anant Singh

Bihar News: बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह और गैंगस्टर सोनू-मोनू गैंग के बीच हुई गोलीबारी के बाद दोनों ओर से जुबानी जंग चल रही है। सोनू ने तंज कसते हुए कहा है कि अनंत सिंह 68 साल की उम्र में 34 वाले से लड़ने चले हैं। वहीं अनंत सिंह का कहना है कि जरूरत पड़ी तो फिर उसके गाँव जाऊंगा। इस जुबानी जंग से पहले बुधवार शाम दोनों पक्ष के बीच खूब गोलियां चलीं थीं। यह गोलीबारी शाम 4.30 बजे के करीब हुई थी। करीब दस मिनट बाद पुलिस पहुंची। मामला शांत कराने की कोशिश हुई। पंचमला थाने में शाम सात से रात 12 बजे तक मीटिंग चली। तब एफ़एसएल की टीम पहुंची और पुलिस ने तीन केस दर्ज करने की जानकारी दी। 

पैसे के हिसाब-किताब को लेकर हुई मारपीट

कहा जाता है कि अनंत सिंह एक मामले में मध्यस्थता कराने जलालपुर गाँव गए थे। मुकेश कुमार नाम के एक शख्स के साथ सोनू-मोनू ने पैसे के हिसाब-किताब को लेकर कथित रूप से मारपीट की थी। मुकेश की ओर से अनंत सिंह अपने समर्थकों के साथ वहाँ पहुंचे थे। गैंगस्टर सोनू का कहना है कि मुकेश कुमार ईंट भट्ठे पर मुंशी था तो उससे हिसाब मांग रहे थे। वह पैसे लेकर भाग गया है। सोनू ने अनंत सिंह पर बरसते हुए कहा कि उनके पास सोचने-समझने की क्षमता नहीं रह गई है और वह कौन से मठ के पुजारी हैं? 

बिहार के बाहुबली नेताओं में शुमार है अनंत सिंह

अनंत सिंह बिहार के बाहुबली नेताओं में शुमार हैं। वह कई बार विधायक रहे हैं और जेल भी जा चुके हैं। गोलीबारी उनके लिए कोई नई बात नहीं है। उन पर जानलेवा हमले भी हो चुके हैं। ऐसे ही एक हमले के चक्कर में उनके पिता की जान चली गई थी। 90 के दशक में हुई फायरिंग में अनंत सिंह को दो गोलियां लगी थीं। सुबह का वक्त था। वह अपने घर के अहाते में बैठे थे। तभी पीछे से फायरिंग हुई। बेटे को गोली लगने का सदमा पिता चंद्रदीप सिंह सह नहीं सके थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी जान चली गई। 

2005 में विधायक बने अनंत सिंह

2004 में भी अनंत सिंह के समर्थकों ने बिहार पुलिस की एसटीएफ के खिलाफ घंटों गोलीबारी की थी। एसटीएफ उनके घर रेड डालने गई थी। इस गोलीबारी में आठ लाशें गिरी थीं। मरने वालों में एक पुलिसकर्मी भी था। इस घटना के बाद अनंत सिंह बिहार में लगातार चर्चित होते गए और राजनीति में भी उनका रुतबा बढ़ता गया। 2005 में वह विधायक भी बन गए। कहा जाता है कि 2004 में अनंत सिंह ने लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की मदद की थी। नीतीश बाढ़ से लड़ रहे थे। उनके खिलाफ बाहुबली सूरज भान राजद-लोजपा के उम्मीदवार थे। नीतीश ने खुल कर अनत सिंह की मदद ली। एक सभा में अनंत सिंह ने नीतीश कुमार को चाँदी के सिक्कों से तोल दिया था। 

नीतीश ने दिया था अनंत सिंह को टिकट

इस लोकसभा चुनाव के अगले साल ही बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। नीतीश ने अनंत सिंह को मोकामा विधानसभा सीट से टिकट दे दिया। 2010 में भी अनंत सिंह विधायक बने। इस बीच उन्होंने अपनी वह हैसियत बना ली कि नीतीश कुमार भी उनके सामने हाथ जोड़ते थे। 2015 में अनंत सिंह निर्दलीय जीते। 2020 में लालू यादव की पार्टी राजद के टिकट पर विधायक बने। लेकिन 2022 में एक आपराधिक मामले में दोषी करार दे दिए गए। इसके बाद विधायकी चली गई। 

पत्रकार की कर दी थी पिटाई

अनंत सिंह का अंदाज हमेशा से आक्रामक रहा है। 2007 में रेप और मर्डर के केस में नाम आने पर एक पत्रकार ने सवाल पूछा था तो समर्थकों ने पत्रकार की जम कर पिटाई कर दी थी। पांच घंटे बंधक भी रखा। हालांकि, 2024 में उनका अंदाज काफी बदला दिखा। 

‘तीन दर्जन से अधिक केस है’

2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब कुछ दिन के लिए अनंत सिंह जेल से बाहर आए थे तो उनके पीछे मीडिया पड़ गया था। उन्होंने भी किसी को निराश नहीं किया। जिसने इंटरव्यू मांगा, उसे निराश नहीं किया। किसी ने उनके अतीत को लेकर भी सवाल किया तो आक्रामकता नहीं दिखाई। मजे लेकर इंटरव्यू देते रहे। अनंत सिंह पर तीन दर्जन से अधिक केस बताए जाते हैं। 2020 में जो चुनावी हलफनामा दिया था, उसमें उन्होंने हत्या की कोशिश के 11 और जान से मारने की धमकी के नौ मामलों का जिक्र किया था।

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