इस वर्ष के महोत्सव का एक विशेष आकर्षण 84,000 वर्ग फीट के रंगोली निर्माण का प्रयास होगा, जो लगभग 2 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा और इसमें प्रमुख आध्यात्मिक नेताओं और राष्ट्रीय प्रतीकों के चित्र होंगे। इस प्रयास को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करने की योजना है और इसमें भारत और विदेशों के 50 से अधिक संगठनों का सहयोग रहेगा। यह रंगोली भारत की एकता, सांस्कृतिक गर्व और साहस का प्रतीक है।
महोत्सव की एक विशेष पूजा 2024 प्रकार की मिठाइयों का भैरव देव को अर्पण है। यह धार्मिक अनुष्ठान न केवल पूजा है, बल्कि आर्थिक चुनौतियों और देश की समृद्धि के लिए एक प्रार्थना है। यह सामूहिक देने की भावना को दर्शाता है और महोत्सव के एकता और समृद्धि के संदेश को बढ़ावा देता है।
महोत्सव का केंद्र बिंदु 46 प्रमुख पुरोहितों द्वारा नौ दिनों तक चलने वाली आठ कोनों वाली महायज्ञ होगा। इस निरंतर प्रार्थना का उद्देश्य पूरे देश में शांति और प्रगति के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना है। महोत्सव के दौरान सभी भक्तों के लिए नि:शुल्क भोजन और सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी, जो इस उत्सव की निःस्वार्थ सेवा की भावना को दर्शाता है। इस महोत्सव में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, सांसद सी.पी. जोशी और सुधीर गुप्ता, और राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर सहित कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति रहेगी।