इससे पहले मीणा मंगलवार को वीरांगनाओं और उनके परिजनों के साथ विधानसभा के गेट नंबर 6 पर पहुंचे। अचानक मीणा को देख पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। गेट से मीणा को हटाने के लिए पुलिस प्रशासन लगा। इस मौक़े पर पुलिस अधिकारी भरत लाल ने धक्का मुक्की ओर वीरांगनाओं के साथ अभद्रता की, जिससे किरोड़ी लाल ग़ुस्से में आए और पुलिस प्रशासन उनकी बहस हुई। लगभग 2:15 बजे मीणा अपने समर्थकों के साथ पैदल ही अमर जवान ज्योति के लिए रवाना हो गए। मगर पुलिस उन्हं शहीद स्मारक ले गए, यहां वे वीरांगनाओं के साथ धरने पर बैठे। इसके बाद गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव के साथ मीणा की करीब एक घंटा वार्ता चली, मगर कोई सहमति नहीं बन पाई।
पांच जवान हुए थे शहीद
मीना ने बताया की 14 फरवरी 2019 की देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए CRPF की एक टुकड़ी जम्मू से श्रीनगर जा रही थी। जिस पर अचानक हुए आतंकी हमले में राजस्थान के पांच वीर जवान शहीद हुए थे। उस समय शहीदों के अंतिम संस्कार में राज्य सरकार के कुछ मंत्री शामिल होकर शहीदों की वीरांगनाओं व परिजनों को हजारों लोगों की उपस्थिति में बड़े-बड़े आश्वासन दिए थे। आज चार वर्ष पूरे होने के बाद भी शहीदों के परिजनों से किए गए वादों को राज्य सरकार द्वारा पूरा नही किया गया। वीरांगनाएं दर-दर की ठोकरें खा रही है।