जयपुर। राजधानी में बम की धमकियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार 15 नवंबर को पुलिस कंट्रोल रूम को छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ पर बम होने की सूचना मिलने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, आसपास के थानों की टीमें, बम स्क्वॉड टीम, डॉग स्क्वॉड और तमाम सुरक्षा एजेंसियां मौके पर पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया गया। तलाशी के दौरान कहीं भी कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
जयपुर पुलिस के मुताबिक, पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन कर छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ पर बम होने की सूचना दी गई। सूचना मिलते ही बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड सहित पुलिस टीमें मौके पर पहुंची। इलाके के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई, लेकिन कहीं भी कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। तलाशी अभियान के दौरान किसी भी तरह की कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिलने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली।
अज्ञात व्यक्ति ने बम होने की सूचना दी
किसी अज्ञात व्यक्ति ने पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन कर डर फैलाने के लिए बम होने की झूठी सूचना दी थी। पुलिस साइबर विशेषज्ञों की मदद से सूचना देने वाले अज्ञात व्यक्ति की तलाश कर रही है। जिस नंबर से कॉल आया था, उसका आईपी एड्रेस ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है।
ताजा हुई सीरियल बम धमाके की यादें
इस पूरे घटनाक्रम के बाद जयपुरवासियों को सीरियल बम धमाके की यादें ताजा हो गई। वो काला दिन 13 मई, 2008 का था। रोजाना की तरह जयपुर शहर का परकोटा इलाका गुलजार था। बाजारों में लोग खरीदारी कर रहे थे। इसी दौरान शाम को शहर के परकोटा में एक के बाद एक 8 धमाके हुए। इसमें खंदा माणक चौक, बड़ी चौपड़ के समीप, छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में, त्रिपोलिया बाजार स्थित दुकान के सामने, चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर सहित 8 स्थानों पर बम बलास्ट हुआ। इस बम धमाके में 71 लोगों की जान चली गई थी। जबकि 185 से अधिक लोग घायल हो गए थे।