2. आम बजट से 3 गुना पैसा सरकारी बैंकों में जमा है, यह निजीकरण के जरिए कारपोरेट के हाथों में चला जाएगा, सरकारी बैंक ही जनता के धन की सुरक्षा कर सकते हैं
3. कारपोरेट घराने धोखाधड़ी से बैंक लोन ले रहे हैं फिर लोन नहीं चुकाते। इससे पांच लाख करोड़ रुपए एनपीए हो चुका हैं
6. एनपीए रोकने के लिए लाया गया कानून आईबीसी नकारा साबित हो रहा है, बैंक विलय और शाखाएं कम होने से ग्राहक सेवा पर असर पड़ रहा है कर्मचारी दबाव में है
7. सरकारी और ग्रामीण बैंकों में विदेशी व निजी निवेश का विरोध करते है