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वायु का प्रवाह पश्चिम से पूर्व के साथ थोड़ा ईशान की ओर रहा। इससे कहीं-कहीं खंडवृष्टि और कहीं-कहीं सामान्य से अधिक बारिश का आंकलन किया। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में वृष्टि विज्ञान के आधार पर गत कार्तिक से प्रारंभ होने वाले वृष्टि के गर्भधारण काल से अब तक के आकाशीय लक्ष्णों, ग्रह योगों के आधार पर अलग-अलग राय रखी गई। जंतर मंतर के अधीक्षक मो.आरिफ ने बताया कि संस्कृत शिक्षा विभाग के निदेशक पं.भास्कर क्षोत्रिय, पं.संतीश शर्मा, बंशीधर ज्योतिष पंचागकर्ता पं.दामोदर प्रसाद शर्मा, पं.चंद्रमोहन दाधीच, डाॅ.भोजराज शर्मा, डाॅ.विनोद शास्त्री, डाॅ.मुकेश कुमार शर्मा सहित अन्य विद्वान मौजूद रहे।
होगी व्यापक वर्षा
शास्त्री नगर स्थित साइंस पार्क में शहर के प्रमुख ज्योतिषियों की मौजूदगी में पूर्व की वायु चलने पर श्रेष्ठ वर्षा एवं पैदावार समयानुकूल पैदावार होने की भविष्यवाणी की। राजस्थान समेत पश्चिमी क्षेत्रों में तेज गर्मी के साथ व्यापक वर्षा होगी। संयोजक डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि दो श्रावण मास होने से प्राकृतिक प्रकोप का अंदेशा रहेगा। वर्ष का नाम आश्विन होने से समयानुकूल वर्षा से धान्य का उत्पादन श्रेष्ठ होगा। मंगल नीच राशि में होकर जलतत्व कारक ग्रह चन्द्रमा-शुक्र के साथ विराजमान होने से राजस्थान सहित भारत उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में तेज गर्मी के साथ व्यापक वर्षा के योग बनेंगे।
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यह रहे मौजूद
डाकोर धाम के स्वामी रामरतन देवाचार्य की अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि समाजसेवी सौरभ अग्रवाल सीमा अग्रवाल, विनोद नाटाणी, शालिनी सालेचा, शीला सर्राफ सहित 100 से अधिक ज्योतिर्विद शामिल हुए। विद्वानों ने कहा कि बुध व शनि के प्रभाव से शीतकाल में भारत के उत्तर-पश्चिमी राज्यों में वायु प्रदूषण बढ़ेगा। जुलाई में सिंह राशि में शुक्र के आने से कुछ स्थानों पर वायु का प्रकोप व वर्षा की कमी होगी। 27 जुलाई से बुध-शुक्र का अंशसाम्य योग व अगस्त माह में शुक्र का अस्त व उदय होने से पूर्वोत्तर भारत के साथ राजस्थान, दिल्ली, गुजरात में श्रेष्ठ वर्षा के योग बनेंगे। बाढ़, भारी वर्षा के योग बनेंगे। सितम्बर में भी यही स्थिति रहेगी।