बदल की आग नहीं भाई के रसूख ने बनाया माफिया मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ज्यादातर माफिया किसी न किसी बदल की भावना या अपमान को लेकर अपराध जगत में उतरे हैं पर हरदोई जेल में बीमार होने के बाद इलाज एक दौरान मृत खान मुबरक की कहने इससे जुदा है। इकहरे बदन का स्मार्ट सा लड़का अपने भाई और अण्डरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के खास जफर सुपारी के रसूख और डर से प्रभावित होकर जरायम की दुनिया में आया था। प्रयागराज में पढ़ाई कर रहे खान मुबारक ने पढ़ाई के दौरान ही अपराध को सरमाया बना लिया था।
जफर ने की थी 15 साल में हत्या जानकारों की मानें तो आंबेडकरनगर के रहने वाले जफर सुपारी ने 15 साल के लड़के को गोली मारकर हत्या कर दी थी। अपराध में इंट्री के बाद जफर मुंबई चला गया। यहां छोटा राजन से करीबी बढ़ी तो यहां खान मुबारक का भी रसूख बढ़ गया और भाई के नाम पर उसने तांडव शुरु कर दिया था।
प्रयागराज में पढ़ाई के दौरान की पहली हत्या क्रिकेट का शौकीन खान मुबारक प्रयागराज विश्वविद्यालय में पढ़ रहा था। इस दौरान क्रिकेट मैच में खेल रहे खान मुबारक अच्छा हुनर दिखा रहा था तभी अंपायर ने उसे आउट करार दे दिया। इसपर उसने अपील की पर अंपायर पर कोई असर नहीं हुआ। खान मुबारक ने गुस्से में आकर ग्राउंड में ही अंपायर को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।
कला घोड़ा काण्ड में आया नाम, बन गया माफिया मुंबई के फेमस काला घोसड़ा शूटआऊट में खान मुबारक का नाम आया था। इस हत्याकांड में पुलिस वैन पर छोटा राजन के कहने पर हमला कर जफर सुपारी, खान मुबारक और अन्य साथियों ने दो अपराधियों और पुलिसकर्मियों को मौत की नींद सुला दिया था। 16 अक्टूबर 2006 में हुए इस हत्याकांड के बाद मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एसटीएफ ने खान मुबारक को गिरफ्तार किया था जिसमे उसने बताया था कि काला घोड़ा हत्याकांड में बच्चा पासी, ओसामा खान, निहाल कुमार, नीरज वाल्मीकि, ज़फ़र सुपारी और खान मुबारक शामिल थे।