‘अब्दुल्ला आजम से मेरे सियासी रिश्ते नहीं’
इस मौके पर चंद्रशेखर ने कहा, “अब्दुल्ला आजम से मेरे कोई सियासी रिश्ते नहीं हैं। मैने छोटे भाई की हैसियत से उनसे मुलाकात की है। मैंने सोचा था वो जेल में होंगे, तो परेशान होंगे, लेकिन उन्होंने जिस ताजगी के साथ मुलाकात की, उससे पता लगता है कि वो बहादुर आदमी हैं। मैं मीडिया के माध्यम से कहना चाहता हूं सड़क से संसद तक इस लड़ाई को लड़ेंगे परिवार को अकेले नहीं छोड़ेंगे, यह मेरा परिवार है।” उन्होंने सत्ता में बैठे लोगों पर आरोप लगाया, “वे सत्ता के अहंकार में उनके मित्र का दमन कर रहे हैं और तमाम लोग इस अन्याय का तमाशा देख रहे हैं। वह अब्दुल्ला की जान की सलामती के लिए दुआ करते हैं, और अगर उनके खिलाफ कोई षड्यंत्र रचा गया, तो वे सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे।”
‘अंधेरी रात के बाद सवेरा भी आएगा’
उन्होंने कहा, “उनके दर्द में कोई शामिल नहीं हो रहा, फर्जी मुकदमे लगाकर उनको सजा दी जा रही है और नए मुकदमे लगाए जा रहे हैं, इससे यह साबित होता है कि यह सरकार की देखरेख में किया जा रहा है। जब मौका मिलेगा, ताकत बढ़ेगी, तब इन मुकदमों की जांच कराई जाएगी और मुकदमा करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का विशेष ख्याल रखा जाएगा। आज वह बुरे दौर में हैं, बड़े भाई के होने के नाते मैं मुलाकात करने आया हूंं, यह मेरी निजी मुलाकात है।” चंद्रशेखर ने कहा अंधेरी रात के बाद सवेरा भी आएगा।