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पाकिस्तान मीडिया ने बुधवार को वित्त मंत्रालय की ओर से दिये गये आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के रिकॉर्ड 8.9 प्रतिशत पर आ गया है अर्थात 34 खरब 44 अरब रुपये हो गया जो बजट लक्ष्य का 82 प्रतिशत अधिक है।
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बजट में वित्तीय घाटा 19 खरब रुपये होने का अनुमान लगाया गया था। गौरतलब है कि पाकिस्तान आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक यह घाटा 1979-80 के बाद से अब तक का सबसे बड़ा घाटा है। जून 2019 में इमरान सरकार ने वित्तीय घाटे को सकल घरेलु उत्पाद का 7.1 प्रतिशत पर लाने की संभावना जतायी थी जबकि वर्ष की शुरूआत में लक्ष्य 4.9 फीसदी था।
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इस वर्ष 30 जून को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के दौरान खर्च और राजस्व मामलों समेत सभी प्रमुख वित्तीय सूचकांकों में भारी गिरावट दर्ज की गयी। आंकड़ों के मुताबिक खर्च घटाने के सभी प्रयास विफल साबित हुए तथा वित्तीय वर्ष के पहले तिमाही में ही राज्स्व वसूली में भारी गिरावट देखी गयी।