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भारत विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर

इन्फ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल परिवेश, बढ़ती मध्यमवर्गीय आय से हुआ संभव

जयपुरSep 26, 2024 / 01:09 pm

Jagmohan Sharma

नई दिल्ली. एक दशक पहले तक भारत दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, पर आज 4.11 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी के साथ यह 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। भारत की यह मजबूत आर्थिक स्थिति विकास के अनेक तत्वों के कारण संभव हुई है, जिनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल परिवेश, बढ़ती मध्यमवर्गीय आय और प्रगतिशील सुधार प्रमुख हैं। यह कहना है कि फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल, इंक (पीएमआई) के एमडी नवनील कर का। उन्होंने कहा कि भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने का काम युद्धस्तर पर शुरू किया गया और सड़क, हाईवे, रेलवे, वॉटरवे, एवं एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर दिया गया। स्थिर वृद्धि के लिए एक मजबूत आधार स्थापित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने महत्वाकांक्षी गतिशक्ति योजना शुरू की, जिसके बाद राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति द्वारा लॉजिस्टिक्स में इन्फ्रास्ट्रक्चर और एफिशियंसी का विकास हुआ। पिछले दो सालों में भारत में सड़क निर्माण की गति प्रतिदिन 24 किलोमीटर से बढ़कर औसतन 27 किलोमीटर हो गई। हाल ही में माननीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि अगले चार सालों में देश में एयरपोर्ट्स की संख्या को 148 से बढ़ाकर 200 किए जाने की योजना है। अब विश्व की अर्थव्यवस्थाओं द्वारा विकसित होती हुई अर्थव्यवस्था की क्षमता को स्वीकार किए जाने की आवश्यकता है।
डिजिटल परिवेश के नए क्षेत्र की ओर तेजी से बढ़ा
वर्ल्ड बैंक की लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस में भारत की रैंकिंग 139 देशों में छः स्थान ऊपर उठकर 38 पर पहुंच चुकी है।
भारत डिजिटल परिवेश के नए क्षेत्र की ओर तेजी से बढ़ा है। देश में टेक्नोलॉजी को अपनाकर एक विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया, जिससे परिवर्तन की गति तेज हुई। इसमें मुख्य भूमिका निभाई ‘डिजिटल इंडिया अभियान’ ने, जिसने बाधाओं को दूर करके सभी नागरिकों को डिजिटल दायरे में ला दिया। यूपीआई एक बड़ी उपलब्धि थी, जिसने भारत में लेन-देन का तरीका पूरी तरह से बदल दिया।
सुधारों से आर्थिक प्रगति को दिशा
सरकार द्वारा किए गए प्रगतिशील सुधारों से देश में निवेश का आकर्षक वातावरण बना है। सबसे महत्वपूर्ण सुधार ईज़ ऑफ डूईंग बिज़नेस का है, जिसने देश को 2020 में वर्ल्ड बैंक की डूईंग बिज़नेस रिपोर्ट में 142 से 79 रैंक ऊपर उठाकर 63 रैंक पर ला दिया है। इस रिपोर्ट से देश में किए गए सुधार का गहरा प्रभाव प्रदर्शित होता है। 2023 में सरकार ने 39,000 अनुपालनों और 1,500 पुराने कानूनों को खत्म किया। मानक अप्रत्यक्ष टैक्स संरचना के रूप में जीएसटी शुरू किया गया, जिससे भारत वैश्विक कंपनियों के लिए विकास का एक व्यवहारिक बाजार बन गया।

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