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रेटिंग कंपनी ने अप्रत्यक्ष कर के आंकड़ों के अपने विश्लेषण में कहा कि जीएसटी संग्रह अप्रैल में हालांकि सबसे ज्यादा हुआ है लेकिन यह वित्त वर्ष 2019-20 के मासिक लक्ष्य से कम है।
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रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “सरकार को चालू वित्त वर्ष में अपने राजकोषीय लक्ष्य को बनाए रखने के लिए जीएसटी संग्रह में निरंतरता सुनिश्चित करनी होगी क्योंकि जीएसटी के लागू होने के बाद से संग्रह में अस्थिरता बनी रही है।”
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अप्रैल में जीएसटी संग्रह पिछले साल की समान अवधि से 10.5 फीसदी बढ़कर 1,13,865 करोड़ रुपए हो गया, जोकि अब तक की सबसे ज्यादा संग्रह की गई रकम है। जीएसटी एक जुलाई 2017 में लागू हुई थी।
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वित्त वर्ष 2018-19 में औसत मासिक जीएसटी संग्रह 98,114 करोड़ रुपये रहा जोकि वित्त वर्ष 2017-18 के औसत संग्रह से 9.2 फीसदी अधिक है।
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