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अमरीका पर सदी का सबसे बड़ा खतरा! सोच से भी अधिक भयावह हो सकता है ट्रंप का यह फैसला

अमरीका में बैन के बावजूद भी लगे हुये हैं चीनी कंपनियों के सर्विलांस सिस्टम्स।
अमरीका को शक है कि ये कंपनियां चीनी सरकार के संपर्क में है और खुफिया जानकारी साझा कर सकती हैं।

Aug 29, 2019 / 01:16 pm

Ashutosh Verma

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नई दिल्ली। अमरीका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर का असर दुनिया के हर विकसित और विकासशील देशों पर पड़ता दिखाई दे रहा है। खुद इन दोनों देशों को आर्थिक मोर्चे पर काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। चीन से तल्खी के बीच पिछले साल ट्रंप प्रशासन ने फैसला लिया था कि वो अमरीका की सरकारी सुविधाओं से चीनी कैमरे को पूरी तरह से हटा देगा। ट्रंप प्रशासन के इस कदम के बाद हर किसी ने समझा की अमरीकी तकनीक बाजार से चीन का पत्ता पूरी तरफ से साफ हो जायेगा।

बिजनेस मैगजीन फोब्र्स की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने तक अमरीकी सरकारी विभाग को चीन की चार प्रमुख निर्माताओं के कैमरों को सिस्टम से बाहर करना था। इन चारों कंपनियों का नाम हुआवेई, जेडटीई, दाहुआ और हिकविजन है, जिनपर आरोप है कि ये कंपनियां चीनी सरकार को खुफिया जानकारी हासिल करने में मदद करती हैं।

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डेडलाइन के बावजूद भी नहीं हटे सर्विलांस सिस्टम

इस आदेश के बाद भी पिछले माह तक दाहुआ और हिकविजन के 2,000 से भी अधिक कैमरे सरकारी सिस्टम में अभी भी इंस्टॉल हैं। यही नहीं, हुआवेई के 1,300 सिस्टम और जेडटीई के 200 सिस्टम भी यहां इन्स्टॉल हैं। इस बात की जानकारी खुद सरकारी कॉन्ट्रैक्टर फोरस्काउट ने दी है।

फोब्र्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि उसके कहने के बाद फोरस्काउट ने दाहुआ और हिकविजन के बारे में जानकरी जुटाई, जिससे पता चलता है कि बैन की डेडलाइन के करीब होने के बावजूद भी ये सिस्टम्स अभी भी लगे हुये हैं। अमरीका के लिए अपने सिस्टम से रूसी कंपनी कैपरस्की लैब के सॉफ्टवेयर को भी निकालना आसान काम नहीं है। यही कारण है कि उसका पूरा फोकस चीनी सर्विलांस सिस्टम को हटाने पर है।

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क्या है हिकविजन का कहना

फोरस्काउट के इस डेटा के मुताबिक, 19 अगस्त 2019 तक यूएस फेडरल नेटवर्क में अभी भी दाहुआ और हिकविजन के करीब 2061 सिस्टम्स लगे हुए हैं। 11 जुलाई तक इसकी संख्या 1,797 थी। हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि संख्या में बढ़ोतरी सिर्फ इसलिए है क्योंकि सरकारी महकमे में कंपनी के ग्राहकों में इजाफा हुआ है।

अलग-अलग सेक्टर्स से पता चलता है कि अमरीकी सरकार इस तरह के सिस्टम का सबसे अधिक इस्तेमाल करती है। हिकविजन के प्रवक्ता ने बताया है कि इससे अमरीका में छोटे व मध्यम कारोबारियों को सहूलियत मिलती है। उन्होंने कहा कि कंपनी नियमों को मानने के लिए प्रतिबद्ध है और कानून के तहत अपने बिजनेस को बढ़ायेगी।

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अमरीकी सुरक्षा के लिए चीनी सर्विलांस सिस्टम की जरूरत

अमरीकी सिस्टम में चीनी सर्विलांस सिस्टम की मौजूदगी का एक बड़ा कारण कन्फ्यूजन है। अभी तक यह साफ नहीं हो सकता है कि कानून की मदद से सरकारी एजेंसियां इस तरह के सिस्टम को खरीदें या हटायें। वहां के नेशनल डिफेंस ऑथाराइजेशन एक्ट के तहत, एजेंसियों को किसी ऐसे प्लान की जरूरत है ताकि वो इन टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से हटा लें या फिर ये साबित करें कि उन्होंने इसे हटा लिया है।

यहां भी एक और ट्विस्ट है। दाहुआ और हिकविजन बहुत सारी एजेंसियों के लिए अहम भूमिका निभाती हैं। हालांकि, उनपर इस बात का भी शक है कि उनका संबंध चीनी सरकार से हो। अब यह एजेंसियों पर निर्भर करता है कि वो इस जोखिम को जानते हुए इन कैमरों को लाइव रखें या फिर इन्हें हटायें।

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अमरीका में चीनी टेक्नोलॉजी पर बैन

इस रिपोर्ट में एक अन्य अधिकारी की हवाले से लिखा गया है कि मौजूदा समय में अमरीका में दाहुआ के 2 लाख और हिकविजन के 15 हजार सिस्टम्स हैं। दरअसल, इसके पीछे का कारण बताया जा रहा है कि व्हाइटलेबलिंग की वजह से यह संख्या इतनी अधिक है। व्हाइटलेबलिंग के तहत इन कंपनियों के टेक प्रोडक्ट्स को किसी अन्य ब्रांड के तहत बेचा जा रहा है। कई बार एजेंसियों को यह तक नहीं पता होता है कि उनके द्वारा खरीदे गये प्रोडक्ट्स में किस कंपनी का सॉफ्टवेयर है।

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