मुंह में छाले बनने के कई कारण हो सकते हैं। छालों अगर 14 दिनों से ज्यादा मुंह में बने हैं तो ये कैंसर के भी लक्षण हो सकते हैं। वहीं माउथ अल्सर में भी ये बदल सकता है। इसलिए इसे बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तो चलिए जानें कि मुंह में छाले बनने के की क्या-क्या वजहें हो सकती हैं।
मुंह में छाले होने की वजह-causes of blisters 1. सबसे सामान्य कारण मुंह में छाले का होता है बहुत अधिक मिर्च-मसाले खाना। इससे पेट में जलन होती हैं और पेट की गर्मी से ये छाले निकल जाते हैं।
2. खाते समय कई बार गाल या जीभ दांतों के नीचे आ जाती है, तभी घाव छाले में बदल जाता है। वहीं, कई बार जल्दीबाजी में ब्रश करने से भी मसूड़ों में चोट से छाले बन जाते हैं।
3. एंटीबायोटिक खाने से भी पेट में गर्मी होती है और इससे छाले बन जाते हैं। अधिक मात्रा में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने से आंतों में अच्छे जीवाणुओं की संख्या घट जाती है और मुंह में छाले पैदा हो जाते हैं।
4. कुछ लोगों में दांतों के शेप के कारण भी मुंह में छाले होते हैं। आड़े-तिरछे, नुकीले या आधे टूटे हुए दांत की वजह से जीभ को नुकसान होता है। लगातार रगड़ लगने से छाले बनते हैं।
5. तंबाकू-सुपारी या पान मसाला सबसे बड़ा कारण है मुंह के छालों के बनने का। इससे होने वाले छाले अधिकतर कैंसर में तब्दील होते हैं। गुटका खाने के बाद बिना कुल्ला किए रहने वाले लोगों में सबसे पहले ये समस्या आती है।
6. मानसिक तनाव भी एक वजह है मुंह के छालों की। यह तनाव चाहे परीक्षा का हो या नौकरी में काम के दबाव का या अन्य किसी अन्य बात का।
छालों को लेकर रहें सतर्क-Be careful about ulcers ध्यान रहे कि दांत लंबे समय तक जीभ या गाल को चोट पहुंचाते रहे, तंबाकू का लगातार सेवन और मिर्च-मसालों का लगातार सेवन करने की आदत कैंसर में तब्दील हो सकती है। क्योंकि छाले बार-बार होना यही संकेत देते हैं।
कैंसर में तब्दील छालों के लक्षण-symptoms of ulcers turning into cancer यदि छाले कैंसर में बदल जाते हैं, तो शुरू-शुरू में उनमें कोई दर्द नहीं होता। ये छाले सामान्य रूप से नजर आते हैं, लेकिन धीरे-धीरे ये बढ़ने लगते हैं और इसमें सड़न सी महक आनी शुरू होती है। कई बार ये छाले पीले से काले तक हो जाते हैं। बाद में थूक के साथ खून आना भी शुरू हो सकता है। यहां तक कि खाना निगलने में भी परेशानी का अनुभव होने लगता है। भले ही ये छाले ऊपर से छोटे हों लेकिन इनका प्रभाव गले तक पहुंच जाता है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।