विज्ञान पत्रिका बीएमजे न्यूट्रिशन, प्रिवेंशन एंड हेल्थ में प्रकाशित रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने कहा कि जब तक कोई स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिल जाता, तब लोगों को हर हाल में विटामिन डी की हाई डोज से बचकर ही रहना चाहिए।
Vitamin D एक हार्मोन है। सूर्य के प्रकाश में त्वचा में इसका निर्माण होता है। शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट की मात्रा को नियमित करने में यह मदद करता है, जिससे हड्डी, दांत और मांसपेशियों का स्वास्थ्य सुनिश्चित होता है।
शोधकर्ता सू लेनहेम न्यू ने कहा, ‘संपूर्ण स्वास्थ्य की दृष्टि से शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा बहुत जरूरी है। इसकी मात्रा बहुत कम हो जाए तो रिकेट जैसी समस्या हो सकती है। वहीं अगर मात्रा बहुत ज्यादा हो जाए तो शरीर में कैल्शियम का स्तर भी बढ़ जाएगा और शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।’
वैज्ञानिकों को अब तक कोविड-19 से बचाव में विटामिन डी की हाई डोज की भूमिका का कोई प्रमाण नहीं मिला है। ऐसे में चिकित्सकों की उचित सलाह और देखरेख के बिना विटामिन डी का ज्यादा सेवन दुष्प्रभाव का कारण बन सकता है। विटामिन डी ही नहीं, कोविड-19 से बचाव के नाम पर ऐसे किसी भी विटामिन या अन्य तत्व का ज्यादा सेवन घातक है, जिसको लेकर कोई पुष्ट वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हो।