राजस्थान पुलिस को मुख्य तस्कर का नाम तो पता चल गया है, लेकिन यह नाम सहीं है या फर्जी इसका पता उसकी गिरफ्तारी के बाद ही लग सकेगा। पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार ट्रक चालक दलजीत सिंह पिछले 15 साल से ट्रक चला रहा है।
असम में साथी ने करवाया तस्करों से सपर्क
दलजीत ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि करीब पांच माह पहले जलालाबाद कांधा गांव का रहने वाला लक्खा उसे असम के गुवाहाटी में मिला। लक्खा भी ट्रक चलाने का काम करता है। लक्खा ने दलजीत से कहा कि उसके मालिक जोगा का ट्रक चलाने पर एक चक्कर के ही 20 हजार रुपए मिल जाते हैं। रुपए के लालच में दलजीत ने ट्रक चलाने की हां कर दी। इसके बाद 14 जुलाई को वह उसके घर आया और डोडा-पोस्त का चक्कर लगाने के लिए कहा।
पहले घुमाते रहे कार में, फिर दिया फोन
आरोपियों ने दलजीत का फोन उसके घर पर ही रखवा दिया। उसके बाद जोगा और उसके दो साथियों ने दलजीत को अपनी कार में बैठा लिया। यह लोग उसे मोगा, बठिंडा, डबवाली, हनुमागढ़, पल्लू भारतमाला रोड से जैतपुर ले गए। यहां से सरदारशहर, किशनगढ़ होते हुए भीलवाड़ा, चित्तोड़ होते हुए मंदसौर ले गए। मंदसौर टोल पारने पर एक अन्य चालक वहां कंटेनर लेकर आया। उसने डोडा-पोस्त से भरी हुई गाड़ी जोगा को सौंप दी। यहां पर उसे एक मोबाइल फोन भी दिया गया। इस फोन के वाट्सएप पर जोगा विदेश के नंबरों से उससे बात कर रहा था।