इसके अलावा संदीप सिंह पर यह आरोप लगातार लगते हुए आ रहे कि सुशांत की मौत के बाद भी वो एंबुलेंस ड्राइवर के साथ संपर्क में थे। सीबीआई लगातार ऐसे प्रश्नों का जवाब संदीप से पूछ रही है। जिसके बारे में उन्होंने अपने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मेरा उनकी बहन के साथ दुख के समय में सपोर्ट करना सबसे बड़ी गलती थी। सुशांत की मौत के बाद एक्टर के साथ एंबुलेस में बैठने से लेकर उसके अतिंम संस्कार तक उसका साथ देना मेरी गलती थी एंबुलेंस ड्राइवर से लगातार सपर्क में रहने का सबसे कारण था कि उसका बिल जो पेंडिग में पड़ा हुआ था उसके चलते वो बार बार फोन कर रहा था।
इसके अलावा उन्होंने थम्सअप का निशान दिखाकर पुलिस को जो इशारा किया था उस पर संदीप सिंह ने कहा कि जब में सुशांत की बहन मीतू दीदी के साथ कूपर अस्पताल पहुंचा, तो वहां पर मौजूद कांस्टेबल ने मेरा नाम लेकर पूछा – संदीप कौन है? जिसके लिए, चिल्लाने के बजाय, मैंने उससे इशारे से बात करना उचित समझा। और अंगूठे दिखाते हुए बताया-कि मैं हूं संदीप सिंह। इसमें मैने क्या गलत किया था? क्या मुझे उस समय अपने इशारे पर ध्यान देना चाहिए था ?
मैने अपने दोस्त के खातिर यदि उसके अंतिम समय में उसके परिवार का साथ दिया तो मेरी इसमें क्या गलती है हर संभ्य इसान ऐसे समय में किसी अनजान व्यक्ति का साथ देने पंहुच जाता है फिर तो वो मेरा सबसे खास दोस्त था जिसकी सजा मुझे यह मिल रही है।