scriptरकबर खान मॉब लिंचिंग: जानिए 20 जुलाई 2018 की उस खौफनाक रात से लेकर आज तक की पूरी केस स्टडी | Alwar rakbar khan mob lynching full case study | Patrika News
अलवर

रकबर खान मॉब लिंचिंग: जानिए 20 जुलाई 2018 की उस खौफनाक रात से लेकर आज तक की पूरी केस स्टडी

रकबर खान मॉब लिंचिंग केस में स्थानीय विश्व हिंदू परिषद के नेता नवल किशोर शर्मा का इसमें नाम आया और अब कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।

अलवरMay 25, 2023 / 02:41 pm

Anil Kumar

rakbar_khan_mob_lynching_full_case_study.png
जयपुर। राजस्थान के अलवर जिले में 20 जुलाई 2018 को आधी रात 12 बजे एक ऐसी घटना हुई जिसके बारे में जानकर हर कोई हैरान रह गया। क्योंकि इस दिन गौ तस्करी के शक में रकबर खान नाम के व्यक्ति की भीड़ ने मिलकर इतनी पिटाई कर दी की उसकी मौत हो गई। इसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा और अलवर कोर्ट में केस चला। आज इस केस में 4 आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई है गई है। जबकि नवल किशोर नाम के एक आरोपी को बरी किया गया है। जिन आरोपियों को कोर्ट की तरफ से सजा सुनाई गई है, उनमें परमजीत, धर्मेंद्र, नरेश और विजय शामिल हैं. इस मौके पर यह जानना जरूरी है कि किस तरह से इस घटना को अंजाम दिया गया और कैसे कई लोगों के नाम इस केस में जुड़े। यह भी जानना जरूरी है कि कैसे स्थानीय विश्व हिंदू परिषद के नेता नवल किशोर शर्मा का इसमें नाम आया और अब कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।
यह भी पढ़ें

ब्लड प्रेशर-मोटापे का रामबाण इलाज है राजस्थान की ये खास सब्जी, मार्केट में 2500 रू किलो तक है भाव


यहां से हुई घटना की शुरूआत
20 जुलाई 2018 को असलम और रकबर खान गायों के साथ भरतपुर जिले में स्थित अपने गांव जा रहे थे। इसी दौरान कथित तौर पर भीड़ ने उन्हें पकड़ लिया और पीट-पीट कर मार दिया। हालांकि, इस दौरान असलम अपनी जान बचाकर भागने में कामयाब रहा। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच कर घायल रकबर और गायों को रामगढ़ थाने ले गई। पुलिस ने घायल रकबर को थाने में डाल दिया और अन्य पुलिस के लोग गायों को पालने के लिए गोशाला चले गए। इसके बाद रकबर को रामगढ़ अस्पताल भेजा गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये आया सामने
रकबर खान की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उसकी मौत पुलिस हिरासत में नहीं बल्‍कि भीड़ की पिटाई से हुई थी। रकबर की सभी चोट पोस्‍टमॉर्टम करने से 12 घंटे पहले की सामने आईं हैं। उस वक्त तक रकबर को पुलिस ने हिरासत में नहीं लिया था. पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि रकबर को लगी सभी चोट 12 घंटे पुरानी हैं. इसका मतलब रात के 12 बजे के करीब की ये चोटें हैं. पुलिस के पास गोतस्‍कर पकड़े जाने का पहला फोन 12:41 पर आया था. इसका मतलब रकबर की मौत भीड़ की पिटाई से हुई थी. पोस्‍टमॉर्टम में यह भी सामने आया कि रकबर के एक हाथ और एक पैर की हड्डी टूटी हुई थी. डॉक्टरों ने रिपोर्ट के मुताबिक बताया कि चोट के बाद अंदरूनी रक्तस्त्राव हुआ होगा। रकबर खान की पसलियां भी दो जगह से टूटी हुई थी.
यह भी पढ़ें

Rajasthan News : भगवान परशुराम शोभायात्रा पर पथराव- बढ़ा सियासी पारा, अब सामने आई ये अपडेट

ऐसे चली पुलिस की चार्जशीट
शुरू में अलवर पुलिस ने अपनी चार्जशीट में शुरू में नरेश शर्मा, विजय कुमार, धर्मेंद्र यादव और परमजीत सिंह सहित 4 आरोपियों को नामजद किया. बाद में नवल किशोर शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। घटना के समय भीड़ को रकबर की हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया. इस मामले में 49 दिन बाद रामगढ़ के सिविल कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी. पुलिस की तरफ से दायर 25 पेज की चार्जशीट में कहा था कि तीनों आरोपियों ने देर रात रकबर खान को खेत में पकड़कर उसकी पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई. पुलिस जांच में तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए जांच अधिकारी ने धारा, 302, 341, 323 ओर 334 में जुर्म प्रमाणित किया था.

Hindi News / Alwar / रकबर खान मॉब लिंचिंग: जानिए 20 जुलाई 2018 की उस खौफनाक रात से लेकर आज तक की पूरी केस स्टडी

ट्रेंडिंग वीडियो