वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर
वायु प्रदूषण को मापने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का उपयोग किया जाता है। यह छह स्तरों में विभाजित होता है:- शुद्ध (0-50): सुरक्षित और स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं।
- संतोषजनक (51-100): हल्की परेशानी, खासतौर पर अस्थमा के मरीजों के लिए।
- मध्यम (101-200): कमजोर वर्गों में सांस लेने की समस्या।
- खराब (201-300): स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने लगती हैं।
- बहुत खराब (301-400): फेफड़ों और दिल की बीमारियों में वृद्धि।
- गंभीर (401-500): सभी के लिए स्वास्थ्य आपातकाल; लंबे समय तक संपर्क खतरनाक।
वायु प्रदूषण से होने वाली परेशानियां
सांस की बीमारियां: अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सीओपीडी।हृदय रोग: दिल के दौरे और ब्लड प्रेशर में वृद्धि।
आंखों और त्वचा में जलन: धूलकणों और रसायनों के संपर्क से।
इम्यून सिस्टम पर असर: शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना।
मानसिक स्वास्थ्य: लंबे समय तक प्रदूषण से तनाव और डिप्रेशन।
बचने के लिए करें ये उपाय
- मास्क का उपयोग: प्रदूषण स्तर अधिक होने पर एन-95 या एन-99 मास्क पहनें।
- घर के अंदर रहें: सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचें, जब प्रदूषण स्तर उच्च होता है।
- पौधों का उपयोग: घर में एयर प्यूरीफाइंग पौधे जैसे मनी प्लांट, एलोवेरा लगाएं।
- वाहन का कम उपयोग: सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और कारपूलिंग को अपनाएं।
- सफाई पर ध्यान दें: अपने घर और आसपास धूल-धुएं से बचाव करें।
- एयर प्यूरीफायर: घर के अंदर वायु की गुणवत्ता सुधारने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।