यह घटना अमरीका के मध्यपश्चिम के राज्य मिसूरी के शहर टाइम्स बीच की थी। यहां राज्य के स्वास्थ्य विभाग और रोग नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने पूरे शहर को खाली करवा लिया था। शहर खाली कराने के बाद वहां की सभी इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया। लेकिन एक व्यक्ति ने अपना घर खाली करने से मना कर दिया था। उस व्यक्ति के पास टाइम्स बीच पर रहने की आजीवन सदस्यता थी और उसने अपना घर बेचने से मना कर दिया था। साल 1985 में इस शहर को अधिकारिक तौर पर तोड़ दिया गया था।
दरअसल टाइम्स बीच को साल 1925 में एक अखबार के प्रचार के हिस्से के रूप में स्थापित किया गया था। वहां के लोग कारों और गाड़ी से उड़ने वाली धूल से काफी परेशान थे। वहीं टाइम्स बीच के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अपनी सड़कों को दुरूस्त करा सकें। ऐसे में साल 1972 में शहर के अधिकारियों ने इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए स्थानीय अपशिष्ट-हाउलर रसेल ब्लिस को सड़कों पर तेल का छिड़काव करने के लिए प्रति गैलन सिर्फ 6 सेंट देने का वादा किया। उन्होंने सोचा था कि तेल के छिड़काव से सड़कों पर धूल उड़ना बंद हो जाएगी।
रसेल ब्लिस ने पूरे शहर की की सड़कों पर जिस तेल का छिड़काव किया था, वह लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया। उस तेल से हेक्साक्लोरोफेन बना, जो एक खतरनाक रसायन है। अगर कोई व्यक्ति इस रसायन के संपर्क में आता है तो उसे 10 से अधिक वर्षों तक उसे इससे होने वाली परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में छिड़काव के बाद टाइम्स बीच में दिन भर दौड़ने वाले घोड़े एक एक करके अचानक से मरने लगे। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था।
कुछ दिनों बाद इंसान भी बीमार पड़ने लगे। ऐसे में वहां ईपीए की एक टीम आई और उसने मिट्टी के कुछ सैंपल उठाए। एजेंसी ने जांच के बाद बताया कि शहर में डाइऑक्सिन का स्तर काफी ज्यादा है। डाइऑक्सिन सबसे शक्तिशाली कैंसर पैदा करने वाला एजेंट है, जो मनुष्य द्वारा बनाया गया था। इसके बाद इस शहर को क्रिसमस के ठीक बाद खाली कर दिया। साल 1999 में शहर को पूरे तरीके से साफ किया गया और फिर उसके बाद यह फिर लोगों के लिए खुल गया।