Ajab Gajab: सरकारी अस्पतालों में नेत्र रोग विशेषज्ञों की कमी बरकरार
एक तरफ सरकारी अस्पतालों में नेत्र रोग विशेषज्ञों की कमी बरकरार है। जिला अस्पताल जैसे बड़े अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं है। वहीं
बाजारों में ऐसे नेत्र रोग विशेषज्ञ खुलेआम दिखाई दे रहे हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि उसके पास डिग्री नहीं है। बाजार में खेल खिलौने सहित खेल करतब दिखाने वाला बहुत देखे हैं, लेकिन आंखों का इलाज करने वाले का चलता फिरता ऐसा भी दुकान भी दिखा जिसमें एक शख्स के पास आंखों की विजुवलिटी चेक करने की मशीन भी था और तत्काल समस्या के हिसाब से चश्मा भी था।
मरीजों की समस्या के हिसाब से उसकी आंखों की समस्या के हिसाब से चश्मा भी उपलब्ध करा रहा था। उक्त नेत्र रोग विशेषज्ञ
बिलासपुर का हैदर अली है, जिसका चश्मा बनाने व बिक्री करने का पुस्तैनी काम है। उसने पत्रिका को बताया कि वह बाजार में घूम-घूमकर चश्मा बेचने का काम करता है। उसके पास एक डिवाइस मशीन भी था। जिससे वह आसानी से आंखों की विजुवलिटी भी चेक कर लेता है। उक्त मशीन में लगे लेंस की कीमत ही 20 हजार रुपए बताया।