ग्राम बिजरावन के आदिवासी बस्ती निवासी बेटी बाई पत्नी कमला आदिवासी ७० वर्ष और ने अपने अंधे पुत्र रामस्वरूप आदिवासी ५० वर्ष के साथ तहसीलदार के पास पहुंच कर शिकायत की है। बेटी बाई ने बताया कि डेढ़ साल पहले एक अज्ञात व्यक्ति ने इनके घर पर आकर उनके दस्तावेज ले जाने के साथ ही उनके फिंगर प्रिंट लेकर चला गया था। इसके बाद उसने उनका खाता नंबर २०३६८६८०५५४ एक निजी बैंक में खोल लिया। साथ ही इस खाते को मोबाइल नंबर ८८१७८४८०७४ से फोन पे के माध्यम से जोड़ लिया। इसके बाद से उसके नाम की प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सम्मान निधि और ६ माह से वृद्धावस्था पेंशन की राशि इसी खाते में आने लगी और उसे निकाला जा रहा है। जब इतने दिनों तक उसके खाते में राशि नहीं आई और उसने पता किया तो इस खाते की जानकारी हुई। इसके बाद उसने १० दिन पहले मोहनगढ़ तहसील में शिकायत दी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। बेटी बाई का कहना है कि इस खाते में उनके नाम की सम्मान निधि और वृद्धा पेंशन जा रही है, लेकिन उसका कोई दस्तावेज उनके पास नहीं है। उनका कहना था कि उनका बेटा अंधा है और उसकी पूरी जिम्मेदारी उनके ऊपर ही है। इसी सम्मान निधि एवं पेंशन के सहारे वह अपना परिवार चलाती है। अब यह भी हाथ न आने से उनका परिवार परेशान है। बेटी बाई ने बताया कि पहले उनकी सम्मान निधि की राशि स्टेट बैंक के खाते में जाती थी और अब पिछले डेढ़ साल से इस निजी बैंक में उनके नाम से खोले गए फर्जी खाते में जा रही है। उनका बैंक खाता कैसे बदला, उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है।
जमकर चल रहा फर्जीवाड़ा
विदित हो कि इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार के कई फर्जीवाड़े सामने आ रहे है, लेकिन समस्या यह है कि शिकायत पर भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे है। इस वृद्ध महिला और उसके ५० वर्ष के अंधे पुत्र को देखकर हर कोई इनकी समस्या से परेशान है।