रामनगर गांव निवासी किशोरी लाल घोष, नंदलाल अहिरवार, जानकी अहिरवार, भूरा अहिरवार, दियाला अहिरवार, रतिराम अहिरवार, बंदू घोष, केहर घोष, प्रभु घोष, इंदर घोष, शैलू घोष, सुनील अहिरवार, शांति अहिरवार, मिटन घोष ने बताया कि यहां पर ४० फीसदी ग्राम पंचायत की आबादी निवास करती है। इस गांव से चारों ओर जाने के लिए पक्के रास्ते बनाए गए थे, लेकिन दो साल बाद यह सडक़ें उखडक़र खराब हो गई है। नालियां बंद पड़ी है। जिससे वहां से पानी निकलना बंद हो गया है। हैंडपंपों से निकलने वाला गंदा पानी इन्हीं रास्तों पर जमा हो रहा है। जिससे सडक़ें दलदल हो गई है।
पैदल चलना हुआ मुश्किल
ग्रामीणों ने बताया कि गांव की सडक़ों पर घरों से निकलने वाले गंदे पानी का जमाव हो रहा है। इसके बाद गंदे पानी की निकास का रास्ता नहीं बनाया गया। जिसके कारण सडक़ पर पानी भरा रहता है। अब वहां की सडक़ दलदल में तब्दील हो गई है। जहां से खेत खलियान और गांव में जाने के लिए पैदल चलना मुश्किल होने लगा है। ग्रामीणों ने सरपंच, जनपद पंचायत सीईओ, जिला पंचायत सीईओ, कलेक्टर और मंत्री को शिकायत दे चुके। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके चलते ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।