मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा चुनावी सभा में जब से हनुमानजी को दलित बताया गया है, दलितों द्वारा हनुमान मंदिरों पर कब्जे की खबरें आ रही थी। दलितों के गुट द्वारा जिले में भी प्रसिद्ध धाम बिजेठुआ महाबीरन को 11 दिसम्बर को कब्जा करने के लिए जगह-जगह लगे पोस्टरों से हड़कम्प मच गया था। दलितों द्वारा दीवारों पर चस्पा इन पोस्टरों में साफ लिखा है कि दलित समाज जिले का फेमस बिजेठुआ महाबीरन धाम मन्दिर 11 दिसम्बर को अपने कब्जे में ले लेगा।
सीएम योगी द्वारा हनुमानजी को दलित बताने वाले बयान से जिले के दलितों ने जिले के प्रसिद्ध सिद्धधाम बिजेठुआ महाबीरन को अपना बताया गया है। जारी पोस्टर में 11 दिसम्बर को दलित वर्ग के सभी लोगों को इकठ्ठा करने की अपील की गई है। दलितों द्वारा लगाए गए इन पोस्टरों में ‘ब्राम्हणों का प्रवेश वर्जित है’ का शब्द लिखकर व्यवस्था को चैलेंज किया गया। दलितों के इस ऐलान से सुलतानपुर में हड़कम्प मच गया है। पोस्टर चमार महासभा का बताया जा रहा था। हालांकि, महासभा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार गौतम ने उससे किनारा किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों से सभा का कोई लेना देना नहीं है।
पुलिस ने दिया यह बयान- 11 दिसम्बर को दलितों द्वारा बिजेठुआ महाबीरन धाम मन्दिर पर कब्जे की खबर से वर्ग संघर्ष की आशंकाएं बढ़ थीं। ऐसे में प्रशासन ने सतर्कता दिखाते हुए मन्दिर के अध्यक्ष राधेश्याम पांडेय की तहरीर पर मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया और मुकदमा दर्ज होते ही पुलिस आरोपियों की सरगर्मी से तलाश में जुट गई। सीओ कादीपुर डीपी शुक्ल ने कहा कि पोस्टर लगाने की बात संज्ञान में आई थी। पुलिस ने ततपरता दिखाते हुए मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है। प्रशासन सतर्क है। पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। तनाव जैसी कोई बात नहीं है। सारे आरोपी फरार हैं। उन्हें बहुत जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा।