पीलीभीत की बांसुरी विश्वविख्यात है यहां आये जिलाधिकारी डाॅ.अखिलेश मिश्र ने पीलीभीत का कार्यभार संभालने के बाद पहली पहल यह की थी कि सरकारी आयोजनाओं में बुके और स्मृति चिन्ह के स्थान पर बांसुरी भेंट करने की परंपरा आरंभ की जाए। इस परंपरा का प्रभाव यह हुआ कि स्थानीय स्तर पर यहां की बांसुरी भेंट के रूप में दी जाने लगी। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, जिले के प्रभारी मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा तथा अन्य अधिकारियों को यहां स्मृति चिन्ह के रूप में बांसुरी ही भेंट की गई।
कैबिनेट की बैठक में दी बांसुरी बांसुरी को भगवान श्रीकृष्ण से जोड़कर भी देखा जाता है। जिले में बांसुरी को एक नया आयाम मिला। इसका प्रभाव यह हुआ कि जिले के प्रभारी मंत्री/प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा को जिलाधिकारी डाॅ.अखिलेश मिश्र ने तीस बांसुरी भेजीं। कैबिनेट की बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने पीलीभीत जिले की पहचान के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा कैबिनेट के कुछ सहयोगियों को यह बांसुरी भेंट की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे स्वीकार करते हुए पीलीभीत के बांसुरी उद्योग के लिए हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
यह बांसुरी प्रदेश के मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव तथा कई प्रमुख अधिकारियों तक पहुंची। कुल मिलाकर पीलीभीत की बांसुरी अब लखनऊ मेें भी अपनी धाक बनाने लगी है। पीलीभीत की पहचान प्रदेश में तीन ‘ब’ से है। इसमें बासमती, बान और बांसुरी प्रमुख हैं। हालांकि पीलीभीत के बाघ भी अब दुनिया में मशहूर होने लगे हैं। जिलाधिकारी की पहल पर प्रभारी मंत्री के प्रयास से पीलीभीत की बांसुरी को एक नई पहचान मिली है।