केदार दिघे ने किया प्रचार पहले आत्मसमर्पण
विधानसभा क्षेत्र में प्रचार की रंगत अन्य इलाकों से ज्यादा दिखाई दी। सीएम-पीएम के बड़े-बड़े होर्डिंग कमर्शियल साइट्स पर नजर आए, वहीं केदार दिघे या महा अघाड़ी (Maha Aghadi) की बात करें तो प्रचार सामग्री कहीं नजर भी आई तो उनके कार्यालय के आसपास ही। भाजपा के कार्यालयों पर रौनक भी ज्यादा है। केदार दिघे के कार्यालय में इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए।शिवसैनिक शिंदे के पीछे लामबंद
लोकसभा चुनाव में ठाणे में शिंदे की सेना पर असली की मोहर लगा चुके शिवसैनिक उनके पीछे अब भी मजबूती से डटे दिखाई दे रहे हैं। कोपरी पाचपाखाड़ी स्थित आनंद दिघे आश्रम को शिवसैनिक ‘मंदिर’ का रूप दे चुके हैं। मैं वहां पहुंचा तो रणनीतिक बैठक में मंत्रणा चल रही थी। मैं वीडियो बनाने लगा तो शिवसैनिकों ने रोक दिया कि ये हमारी इंटरनल मीटिंग है। मराठी में बोल रहे वक्ता की पूरी बात तो समझ में नहीं आई, लेकिन इतना समझ में आया कि हमें किसी बहकावे में नहीं आना है और शिंदे साहेब को जिताने के लिए जी जान लगा देनी है।उद्धव ने अपने पिता को धोखा दिया
आश्रम के बाहर लोगों से बात की तो पूछने से पहले ही हर कोई बोल रहा, यहां तो शिंदे साहब। शिंदे को गद्दार कहे जाने के बारे में पूछा तो महेश जाधव बोले उद्धव ने खुद अपने पिता के साथ धोखा किया है, कांग्रेस के साथ जाकर। वे किस मुंह से शिंदे को गद्दार कह रहे हैं। शिंदे ने बाला साहेब और आनंद दिघे से सिद्धांतों पर चल कर खुद को उनका अनुयायी साबित किया है।यह भी पढ़ें – Birsa Munda: ‘जिन्हें कोई नहीं पूछता, उसे मोदी पूजता है’ जनजातीय गौरव दिवस पर आदिवासी समाज के योगदान पर बोले PM Modi